इन दो नेताओं के लिए इधर कुआ उधर खाई
रायगढ़ - राजनीति में महत्वकांक्षी लोगो की कोई कमी नही है यह बात परम् सत्य है । क्योंकि जब भी कोई व्यक्ति राजनीति की ओर अपना कदम बढ़ता है तब वह व्यक्ति यह सोच कर चलता है कि मुझे भी एक दिन इस मुकाम तक पहुचना है चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े।
गोपिका गुप्ता की राजनीति खतरे में.....
भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फार्म खरीदने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। लेकिन वोटरों की माने तो अगर गोपिका अब चुनाव नही लड़ेगी इसका साफ मतलब होता है कि जिन लोगो के दम पर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए फार्म खरीदी है उन लोगो के ऊपर या तो भरोषा नही है या फिर किसी के डर से चुनाव लड़ना नही चाहती । उन लोगो का साफ कहना है कि अगर इस बार चुनाव नहीं लड़ेगी तो अब इन्हें कभी वोट नहीं देंगे।
शंकर अग्रवाल जन भावनाओं के अनुरूप लड़ेंगे या नही....
शंकर अग्रवाल पिछले लगभग एक साल से चुनाव लड़ने की तैयारी में इतना दौरा कर लिए है जितना हमारे रायगढ़ के विधायक भी नही किये है। जनता यह चाह रही है कि शंकर ही चुनाव लड़े लेकिन कांग्रेस स टिकट नहीं मिलने से जनता के कहे अनुसार निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए फार्म भी खरीद लिए है अब देखना यह है कि जनता के अनुरूप चुनाव लड़ेगे या जनता की भावनाओं से करेंगे खिलवाड़।
इन दोनों नेताओं ने जनता के बीच अपनी अच्छी पहचान बना रखी है इन नेताओं को लोग अच्छा समझते है और हर परिस्थितियों में साथ रहते है देखना अब यह है कि ए नेता जनता के अनुरूप चुनाव लड़ते है या किसी दबाव या लालसा में चुनाव लड़ने से करते है इंकार
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