रायगढ़ कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनने के पर्दे के पीछे कौन...?
रायगढ़ - रायगढ़ नगर निगम में भाजपा की सरकार है और भाजपा अपने दमन की नीति पूरी ताकत से अपना रही है लेकिन कांग्रेस के किसी भी नेता में इतना साहस नहीं की वे लोग भाजपा के किसी भी निर्णय का विरोध कर सकें। काम रुकना या नहीं रुकना सत्ताधारी पार्टी के विवेक में रहता है लेकिन अगर विपक्ष की भूमिका में कांग्रेस है तो उसे मजबूती से विपक्ष की भूमिका को अदा करना चाहिए।
रायगढ़ में कुछ दिनों पूर्व भी देखने को मिला जहां रायगढ़ नगर निगम के महापौर के चाय की दुकान में अवैध निर्माण किया जा रहा था जिसका विरोध करने के लिए कांग्रेस का एक छोटा सा कार्यकर्ता भी सामने नहीं आया। इससे यह प्रतीत होता है कि कांग्रेस के लोग भाजपा सरकार या कहे op चौधरी से कोई भी नेता विवाद नहीं करना चाहते।
ऐसे में कई महीनों तक रायगढ़ जिलाध्यक्ष के पद को रोक कर रखना और अब इतने दिनों बाद निगम के नेता को जिला अध्यक्ष के पद से नवाजा जाना कई संदेह को जन्म देता है। सूत्रों की माने तो इस पद पर आसीन करने के पीछे 2 शीर्ष नेताओं की संलिप्तता की बात सामने आ रही है। अब ए शीर्ष नेता किसी भी पार्टी के हो सकते है।
ग्रामीण जिलाध्यक्ष दोबारा बनने की खुशी में चेहरा देखकर मिठाई खिलने में व्यस्त है।
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