जिला प्रशासन को किसके मौत का इंतजार.....
तमनार रायगढ़ जिले का सबसे महत्वपूर्ण ब्लॉक माना जाता है क्योंकि इस ब्लॉक में बहुत ही बड़े बड़े उद्योग स्थापित है लेकिन यहाँ रहने वाले लोगो का जीवन नरक से भी बत्तर हो गया है। नियत अगर अच्छी हो तो कोई भी काम नामुमकिन नही। तमनार में नातो पेसो की कमी है नही जगह की कमी है तो सिर्फ काम करने के अच्छी नियत की । क्योकि हर समस्या का समाधान यही है।
गौ रक्षा महज कमाई का जरिया....
गौ सेवा आज कल कमाई का जरिया है इसलिए आज कल सड़क किनारे गायों की मौत देखी जा सकती है, कई लोग गौ सेवा के नाम से अपना उल्लू सीधा करते कई बार देखा जा सकता है, जब कोई व्यक्ति अपने पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते है तब यही गौ रक्षक वहा पहुच कर हंगामा करते है और अपनी फोटो खिंचवाने में सबसे आगे रहते है लेकिन जब यही जानवर ( गाय, बैल ) सड़क हादसे का शिकार होते है तब इन गौ रक्षको को आप लाख बार फोन करोगे तब भी उनके द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करते । इस सबसे बातो को ध्यान में रखे तो यही निकल कर आता है कि क्या गौ रक्षक महज अपनी कमाई के लिए ही है या गाय की रक्षा के लिए।
व्यापारी कर रहे गौ सेवा.....
तमनार में लगातार भारी वाहनो से होने वाले सड़क हादसों में बेजुबानो के लिए आवाज कोई नही उठाता देख तमनार के बरभाठा चौक के व्यापारीयो का मन अत्यंत दुखी हुआ और स्वयं के आपसी सहयोग से गायों की सेवा करने का मन बनाया और निःस्वार्थ रूप से गायों की सेवा में निरंतर हाजिर है। कई बार प्रशासन से सहयोग की अपील की लेकिन बेलगाम दौड़ रही भारी वाहनों पर लगाम नही लगाया जा रहा है । पिछले साल भी इनके द्वारा कई जानवरों का इलाज कर स्वस्थ किया गया था। वर्तमान में एक बैल का तीन पैर टूट गया है जिसका इलाज व्यापारियों के द्वारा किया जा रहा है। इन व्यापारीयो के पास इलाज करने के लिए उचित स्थान व उपकरण उपलब्ध नही है। गायों, बैल की दयनीय स्थिति को देखते हुए व्यापारी अत्यंत दुखी है। इन व्यापारीयो को ना तो प्रशासन सहयोग करता है और ना ही उद्योग जिससे व्यापारियों ने इस बैल की इच्छा मृत्यु की मांग की है।
बेलगाम वाहन नही पहचानते जानवर न इंसान......
तमनार की सड़कों में बेलगाम दौड़ रहे भारी वाहनो की चपेट में कोई न कोई आही रहा है कभी जानवर तो कभी इंसान लेकिन प्रशासन नो एंट्री लगाने के बारे में भी सोच भी नही रही स्कूल के समय मे भारी वाहनों के कारण स्कूल जाना भी दुभर हो गया है क्या प्रशासन को किसी की मौत का इंतजार है ।
नो एंट्री लगाने के लिए व्यापारियों ने थाने में आवेदन भी दिया है लेकिन आज तक इस विषय मे थानेदार साहब ने किसी भी प्रकार की पहल नही की है।
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