सिस्टम से हारी, सुसाइड नोट में लिखा दर्द- मैंने बहुत मेहनत की, लेकिन अफसर बोलते रहे झूठ, सुसाइड नोट रुला देगा!
सुसाइड नोट में उसने सरकारी अफसरों के झूठ और सिस्टम की खामियों का जिक्र किया है, जिससे उसकी मेहनत और उम्मीदें टूट गईं
झांसी में शुक्रवार सुबह एक छात्रा की लाश पेड़ पर लटकी हुई मिली वह स्कॉलरशिप के लिए सरकारी तंत्र से परेशान थी पिछले कई महीनों से वह सहायता के लिए इधर-उधर भटक रही थी, लेकिन उसे कहीं से कोई मदद नहीं मिली इस वजह से उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पेड़ के नीचे उसकी चप्पल और एक सुसाइड नोट मिला इसमें लिखा था- "कॉलेज में सबकी स्कॉलरशिप आ चुकी है, लेकिन मेरी नहीं आई इसके लिए मैं बीमार मां के साथ विकास भवन झांसी में बैठे बड़े अफसरों के पास भी गई, मगर वे झूठ बोलते रहे हमने बहुत मेहनत की, लेकिन मेरी स्कॉलरशिप नहीं आई अब मुझे अंदर से घुटन हो रही है इसलिए मैं यह कदम उठा रही हूं"
झूठे वादों ने छीनी संजना की जिंदगी
सुसाइड करने वाली छात्रा का नाम संजना कुशवाहा (18) था, वह बड़ागांव थाना क्षेत्र के बराठा गांव की रहने वाली थी, संजना बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से स्पोर्ट्स कोर्स BPES की पढ़ाई कर रही थी और साथ में एनसीसी की भी थी, घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, इसलिए बेटी ने स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया था ताकि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सके लेकिन, स्कॉलरशिप के लिए वह पिछले 3 महीने से बहुत परेशान थी।
सुसाइड नोट में छलका दर्द
सुसाइड नोट में लिखा था- "मैं यह नोट इसलिए लिख रही हूं ताकि पता चल सके कि मैंने यह कदम क्यों उठाया, मेरी स्कॉलरशिप 28 हजार रुपए आनी थी, लेकिन नहीं आई कॉलेज में सबकी आ चुकी है, इसके लिए विकास भवन झांसी तक हो आई उन्होंने बोला कि तुम्हारा आधार कार्ड फीडिंग नहीं है, मैंने वापस आकर देखा तो बैंक वालों ने बोला कि आधार फीडिंग है, साइबर कैफे पर चेक करवाया तो पता चला कि दो महीने में आ जाएगी, मैं विकास भवन मम्मी के साथ गई उनकी तबीयत खराब थी, लेकिन मैं उन्हें लेकर गई। दो महीने से ज्यादा हो गए, लेकिन छात्रवृत्ति नहीं आई तो हमें अंदर से घुटन होने लगी हमने बहुत मेहनत की थी और हमारी नहीं आई हो सके तो माफ कर देना, इस कदम के लिए... संजना/"
सीओ सदर स्नेहा तिवारी ने बताया कि छात्रा ने सुसाइड किया है। शव का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की जा रही है।
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