धान खरीदने के नाम पर कृषकों से धोखा कर रही भाजपा सरकार - अरुण

Nov 30, 2024 - 17:24
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धान खरीदने के नाम पर कृषकों से धोखा कर रही भाजपा सरकार - अरुण

सारंगढ़ । जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अरुण मालाकार ने प्रेस के माध्यम बताया कि - छग सरकार धान नहीं खरीदने का षडयंत्र कर रही है । विष्णु देव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि - वह किसानों से धान खरीदी कम करना चाहती है।इस बार 160 लाख मिट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है. इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय तय किया गया है । शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन मिल रहे हैं । इसका मतलब यह है कि - प्रति दिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की खरीदी प्रति दिन करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा । वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा।सोसाइटियो को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है । ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है । सरकार ने यह घोषणा किया है कि - 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को धान बेचे थे, उनके खाते के रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है। सिर्फ 2300 रू. प्रति क्विंटल ही आ रहा है। जो समर्थन मूल्य है । 

अरुण ने कहा कि - अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा जिसके आधार पर मात्र 9 से 12 -14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा। किसानो से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है बीज उत्पादक कृषकों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा । सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि - बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जायेगा।सोसायटी में बारदाना की कमी है, किसान परेशान है । सरकार ने कहा है कि - 50 प्रतिशत नये, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है। धान खरीदी केन्द्रो में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है, किसान घंटो खड़े रहते है । आनलाईन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नही मिल रहा है। धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करे, क्योंकि - 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रू. से बढ़ाकर 3217 रू. किया जाये। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रू. में धान खरीदी किया था । 

मालाकार ने कहा कि - धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है।नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफर स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है। पहले इस प्रावधान के होने से समिति के पास ये अधिकार होता था कि - वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें।अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफर स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है। धान खरीदी केन्द्रों में जगह की कमी आ रही है।पहले मार्कफेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फरवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी, अब इसे बढ़ा कर 31 मार्च कर दिया गया है। धान खरीदी बंद होगी 31 जनवरी को यानी समितियों, संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रहेगा । इस दो माह में अकरासी पानी गिरने से धान की क्वालिटी खराब होगी, धान में सूखती आयेगी और साथ ही साथ सोसायटी कर्मचारियों को काफी नुकसानी भरना होगा जिसकी जिम्मेदारी छग सरकार की होगी ।

मालाकार ने कहा कि मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का निर्णय लिया था जिसका परिणाम यह हुआ था कि - प्रदेश भर में 700 नई राईस मिलें खुली थीं। अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है। इस कारण राईस मिलर हड़ताल पर है । धान सोसायटी में जाम है। मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फैसले के बाद विभिन्न जिलों में राईस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं । उक्त प्रेस वार्ता में ब्लॉक अध्यक्षगण पवन अग्रवाल, पुरषोत्तम साहू, सुनीता विष्णु चंद्रा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय दुबे, युवा नेता अजय बंजारे, प्रमोद मिश्रा, अशोक अग्रवाल, भूपेंद्र ठाकुर, राजकमल अग्रवाल, शुभम बाजपेयी, चारु शर्मा आदि मौजूद थे।

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