शिक्षिकाऐं मोबाइल पर रील बनाने मे मशगूल इधर परीक्षा परिणाम रहा निराशाजनक....

May 14, 2024 - 11:41
May 14, 2024 - 14:26
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शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़सरा के परीक्षा परिणाम से अभिभावकों मे नाराजगी व्याप्त शिक्षक - शिक्षिकाओं पर लगे घोर लापरवाही के आरोप.....

संवाददाता :- दीपक गुप्ता....✍️

कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क...

सूरजपुर / भैयाथान :- वर्ष भर अपने नए  - नए कारनामों के लिए सुर्खियों में रहने वाला भैयाथान विकासखंड अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़सरा इन दिनों फिर से परीक्षा परिणाम आने के बाद सुर्खियों में है।जहां कक्षा 12 वीं का परीक्षा परिणाम महज 27 फीसदी है जिससे ग्रामीणों व अभिभावकों में काफी रोष है। आपको बता दें कि ग्राम पंचायत बड़सरा में संचालित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल का परीक्षा परिणाम बेहद ही निराशाजनक रहा है।12 वी के 69 छात्रों में सिर्फ उन्नीस ही ग्रेस के सहारे पास हो सके। शिक्षकों की लापरवाही और मनमाने तरीके से छुट्टी लेने के कारण स्कूल बड़सरा का बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट बहुत ही खराब (27.54% ) रहा। 12 वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले 69 बच्चों में से सिर्फ 19 ही पास हुए। 19 को भी पास होने में आधों को ग्रेस के सहारे पास किया गया है। स्कूल का सबसे खराब रिजल्ट केमेस्ट्री विषय का रहा, जिसमें 12 से अधिक बच्चों को जीरो या एक नंबर मिले हैं। हायर सेकेंडरी स्कूल में सिर्फ एक छात्र ही प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ है। बड़सरा के स्कूल में शिक्षक तो हैं लेकिन वें कभी पढ़ाने नहीं आते बल्कि अपने मनमाने समय व मनमौजी के लिए काफी चर्चित हैं ।इस सत्र में रसायन,अंग्रेजी और कॉमर्स की चार शिक्षिकाएं संतान पालन छुट्टी पर नियम विरुद्ध चली गई थी जिससे काफी पढाई प्रभावित हुआ जिससे बच्चों का कोर्स ही पूरा नहीं हुआ, नतिजन बच्चे जीरो और एक एक नंबर लाकर फेल हो गए। फिजिक्स की भी वहीं स्थिति है, इसमें भी दस छात्रों का 10 से भी कम नंबर आया है। जबकि स्कूल के सभी बच्चों को प्रैक्टिकल में 20 से अधिक नंबर मिले हैं जो कई सवालों को जन्म देते हैं।

प्राइवेट छात्रों को खुलेआम नकल करवाने के आरोप में शिक्षक पर हुई थी कार्रवाई :- बताया जाता है कि शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बड़सरा में ही प्रैक्टिकल के दौरान छात्रों को पैसा लेकर नकल कराने के आरोप ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। जिसके बाद नकल कराते शिक्षक कैमरे में कैद हो गए थे जिस पर एक शिक्षक पर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया था। इस कार्यवाही के बाद नकल नहीं चल सका जिसके बाद पूरा परिणाम ही बदल गया।

पूरे साल शिक्षक - शिक्षिकाओं का बीता विवादों में :- पूरे साल शिक्षक - शिक्षिकाऐं आपस लड़ते झगड़ते रहे जिसकी शिकायत बीईओ डीईओ सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी हुई जहां विद्यालय में बैठक लेकर समाधान का प्रयास अधिकारी जनप्रतिनिधियों द्वारा करने का प्रयास किया गया लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ बल्कि सभी शिक्षक - शिक्षिकाएं पूरे वर्ष अपने मनमाने पर उतारू रहे।विद्यालय के दो शिक्षिकाओं को तो डीईओ ने अपने कार्यालय में तलब किया था क्योंकि ये शिक्षिकाए विद्यालीन समय पर स्कूली बच्चों साथ फोटो शूट कर सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, टीकटॉक पर अपलोड करते थे जिस पर तत्कालीन डीईओ ने इन दोनों शिक्षिकाओं को जमकर फटकार लगाई थी। 

चार शिक्षिकाऐं संतान पालन अवकाश पर इसलिए पढ़ाई और हुई प्रभावित :- इस शिक्षण सत्र में रसायन , अंग्रेजी और कॉमर्स की चार शिक्षिकाएं संतान पालन छुट्टी पर नियम विरुद्ध चली गई थीं जिसके कारण पढ़ाई काफी प्रभावित हुई  इधर स्कुली बच्चे बताते हैं कि हमारी केमेस्ट्री की टीचर 50 से 100 दिन ही आई होगी वही भी आकर नही पढ़ाती थी इसलिए हमारी पुरी पढ़ाई ही चौपट हो गई । वही इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी ललीत पटेल ने पत्रकारों से कहा कि “मेरा तबियत खराब है।ठीक होते ही समीक्षा बैठक की जाएगी।उक्त विद्यालय को ठीक करने आवश्यक सभी कदम उठाया जाएगा। जिससे विद्यालय में अनुशासन व पढ़ाई दुरुस्त हो सके।"

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