रायगढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए पूर्व कांग्रेसी पर दाव क्यों...?
किस नेता के इशारे पर हुई ताजपोशी....?
रायगढ़ भाजपा नेताओं ने क्यों दिया कार्यकर्ताओं को धोखा...?
रायगढ़ - रायगढ़ की राजनीति में इस बार कई अनोखे कारनामे देखने को मिल रहे है। रायगढ़ के विधायक एवं छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी के व्यक्तित्व का जादू रायगढ़ की राजनीति में इस बार भरपूर देखने को मिला रायगढ़ के लगभग सभी जनपद पंचायतों में ऐतिहासिक जीत दर्ज हुई है और वहीं जिला पंचायत सदस्यों में 18 में 16 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार भाजपा की कर्मठ एवं ईमानदार भाजपा महिला नेत्री सुषमा खलखो निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई है।
रायगढ़ में जनता के बीच दबी जुबान से एक सुगबुगाहट बड़ी तेजी से हो रही है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित की गई थी, और इस बार भाजपा में ईमानदार एवं जुझारू महिला नेत्रियों की कोई कमी भी नहीं थी लेकिन शायद भाजपा नेताओं को ईमानदार नेताओं की कोई जरूरत ही नहीं है इसलिए खरसिया क्षेत्र के हालही में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाली नेत्री के ऊपर भाजपा के आला नेताओं को ज्यादा भरोसा लगा इस कारण पूर्व कांग्रेस नेत्री को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान किया गया।
क्या भाजपा के नेताओं को ईमानदार एवं जुझारू महिला नेत्रियों की जरूरत नहीं....?
रायगढ़ के तटस्थ राजनीतिक विश्लेषण करने वालों की माने तो जिस तरह भाजपा के नेताओं ने जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए कांग्रेस से बागी होकर भाजपा का दामन थामने वाले नेताओं की ताज पोसी की गई है उससे एक बात पुराने कार्यकर्ताओं के मन में घर कर गई है कि क्या भाजपा में ईमानदार और पुराने कार्यकर्ताओं की कोई जरूरत है क्योंकि भाजपा के आला नेताओं ने एक बार भी यह नहीं सोचा कि अगर हम पूर्व कांग्रेस नेत्री को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाएंगे तो पुराने एवं ईमानदारी से जिन्होंने भाजपा का साथ दिया उनके मन में आखिर क्या गुजरेगी। कार्यकर्ताओं की माने तो प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के कारण कोई भी कार्यकर्ता बगावत नहीं कर सकता इसलिए कुछ कार्यकर्ता खून का घूट पी कर भी भाजपा के साथ रहने को मजबूर है।
निर्विरोध निर्वाचित होने वाली नेत्री की अनदेखी क्यों...?
भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा भी जोरों से है कि रायगढ़ में जिस दिन जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यों के शपथ ग्रहण का आयोजन किया गया उस दिन रायगढ़ विधायक भी मंच पर उपस्थित थे और मंच से नवनिर्वाचित चाय वाले महापौर की खूब तारीफ की गई, लेकिन एक बार भी निर्विरोध निर्वाचित हुई महिला जिला पंचायत सदस्य सुषमा खलखो के बारे में नहीं बताया गया कि निर्विरोध निर्वाचित हुई है ऐसा करके कही न कही भरे मंच से एक महिला कार्यकर्ता की अनदेखी हुई है। आप लोगों ने ओपी चौधरी को भरे मंच से यह कहते कई सुना होगा कि किसी भी कार्यकर्ता की अनदेखी नहीं की जाएगी, तो ऐसे में सवाल यही आता है कि इस कार्यक्रम में महिला नेत्रियों की अनदेखी क्यों...?
खरसिया विधानसभा के लिए कार्यकर्ताओं के साथ हुआ ऐसा....
सूत्रों की माने तो जिला पंचायत अध्यक्ष एक कांग्रेसी को बनाने के पीछे का षड्यंत्र यह है कि जिस खरसिया विधानसभा से भाजपा को आज तक पराजय मिली है उसी विधानसभा को फतह करने के लिए आज से रणनीति बनाई जा रही है, और यही कारण है कि उमेश पटेल के करीबी एवं कांग्रेस के कट्टर नेता को भाजपा में शामिल उनकी पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी से नवाजा गया है, बहरहाल अब देखना यह है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जिस खरसिया विधानसभा सीट के लिए रायगढ़ जिले के पुराने कार्यकर्ताओं की अंदेखी की गई है उसे भाजपा फतह कर पाती है या नहीं यह यह आने वाला विधानसभा चुनाव ही तय करेगा।
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