अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष - अरविंद
सारंगढ़ । भाजपा के दिग्गज नेता अरविंद हरिप्रिया ने कहा कि - सन 2019 में जब कांग्रेस सरकार ने मेयर और नपा के अध्यक्ष का चुनाव जब प्रत्यक्ष प्रणाली से करने का निर्णय लिया था तो भाजपा ने उसका खुलकर विरोध किया था । उसका मानना था कि - प्रत्यक्ष चुनाव से चुना गया मेयर शहर के लिए ज्यादा जवाब दे हो सकता है। परोक्ष प्रणाली के जरिए कांग्रेस अपने लोगों को नगरी निकायों में बिठाना चाहती है, अब फिर साल के अंत तक नगरीय निकाय चुनाव होने हैं । भाजपा प्रत्यक्ष प्रणाली सीधे-सीधे लागू नहीं करने जा रही है, जिसे वह सही मान रही थी । उसने अपने पार्टी पदाधिकारी से राय मांगी है, विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को अच्छी सफलता मिली है । 10 सीटों पर जीत हुई, 2019 के मुकाबले बढ़त ही हासिल है । भले ही केंद्र में भाजपा को सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों की आवश्यकता पड़ गई । इधर नगरीय निकायों की बात अलग है, यह छोटी इकाईयां है । इनमें स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशी की छवि भी असर करते हैं । मतदाता देखता है कि - सरकार किसकी है ?उन्हें लगता है की जिसकी सरकार है, उसका नेतृत्व तो उनके शहर की समस्याओं को दूर करने में ज्यादा सक्षम होगा । कांग्रेस जो लगातार दो बड़े चुनाव हार चुकी है उसके लिए नगरीय निकाय चुनाव फिर से खड़ा होने का मौका देगा । प्रत्यक्ष चुनाव हो तो उसे कई सीटें मिल भी सकती है, पर अप्रत्यक्ष चुनाव में वहीं होने की उम्मीद है, जो कांग्रेस सरकार के समय हुआ । यानी सत्ता के प्रभाव में मिलती हुई कुर्सी भी विपक्ष को नहीं मिली ।
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