रायगढ़ की पूर्वा अग्रवाल ने हासिल की 65वीं रैंक, 30 लाख की नौकरी छोड़कर चुनी सिविल सेवा की राह

Apr 22, 2025 - 19:42
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रायगढ़ की पूर्वा अग्रवाल ने हासिल की 65वीं रैंक, 30 लाख की नौकरी छोड़कर चुनी सिविल सेवा की राह

मूलतः रायगढ़ जिले के खरसिया की निवासी पूर्वा की स्कूली शिक्षा बिलासपुर में हुई। उनके पिता एम.एल. अग्रवाल छत्तीसगढ़ टेक्निकल एजुकेशन में एडिशनल डायरेक्टर हैं और माता इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं।

रायपुर। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2024 का फाइनल परिणाम जारी कर दिया गया है। इस परीक्षा में रायपुर की पूर्वा अग्रवाल ने देशभर में 65वीं रैंक हासिल कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। पूर्वा ने यह सफलता अपने तीसरे प्रयास में हासिल की है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन के दौरान पूर्वा को सिंगापुर में इंटर्नशिप का अवसर मिला था। यहां उन्हें बतौर इकोनॉमिक्स एनालिस्ट कार्य करने का अनुभव मिला। इसी दौरान उन्हें 30 लाख रुपये वार्षिक पैकेज की नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने समाज सेवा और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से सिविल सेवा की राह को चुना।

पूर्वा वर्ष 2023 में भी यूपीएससी परीक्षा में सफल रही थीं, तब उन्हें 189वीं रैंक के साथ आईपीएस के रूप में चयनित किया गया था और छत्तीसगढ़ कैडर मिला था। मूलतः रायगढ़ जिले के खरसिया की निवासी पूर्वा की स्कूली शिक्षा बिलासपुर में हुई। उनके पिता एम.एल. अग्रवाल छत्तीसगढ़ टेक्निकल एजुकेशन में एडिशनल डायरेक्टर हैं और माता इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं।

पूर्वा ने बताया कि पहले प्रयास में वह मेन्स परीक्षा नहीं निकाल पाईं थीं, लेकिन अनुभव से सीखते हुए उन्होंने खास रणनीति के साथ पढ़ाई की और टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दिया। पूर्वा का मानना है कि असफलता से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि इसे सुधार का अवसर मानकर आगे बढ़ना चाहिए।

छात्रों को संदेश देते हुए पूर्वा ने कहा कि अगर सच्चे मन से ठान लें और सही दिशा में मेहनत करें तो सफलता जरूर मिलती है।

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