स्वास्थ्य विभाग में हो गया ‘खेला’, विज्ञापन प्रकाशित किए बिना ही 215 पदों पर नियुक्ति

Apr 29, 2025 - 13:07
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स्वास्थ्य विभाग में हो गया ‘खेला’, विज्ञापन प्रकाशित किए बिना ही 215 पदों पर नियुक्ति

रायपुर - सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि स्वास्थ्य विभाग ने अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराए बिना ही 215 से अधिक पदों को भर लिया।

स्वास्थ्य विभाग, जिसके कंधे पर सेहत की जिम्मेदारी है। वह खुद नियम कायदों से खेल रहा है। नियमों को ताक पर रखकर विभाग में कार्य किए जा रहे हैं। खनिज न्यास मद से स्टॉफ नर्स, ड्रेसर, वार्ड बॉय सहित 215 विभिन्न पदों पर हुई संविदा भर्ती ने स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

मानव संसाधन नीति नियम

सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि स्वास्थ्य विभाग ने अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराए बिना ही 215 से अधिक पदों को भर लिया। चयन के लिए मेरिट (प्रावीण्य) सूची को आधार बनाया गया। यह भर्ती प्रक्रिया किस नियमों के तहत की गई? इसे लेकर आरटीआई कार्यकर्ता लक्ष्मी चौहान ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय से जानकारी जुटाया। तब विभाग को ओर से बताया गया कि इस भर्ती प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा भर्ती राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रायपुर द्वारा जारी मानव संसाधन नीति नियम 2018 के परिपालन में किया गया।

आरटीआई कार्यकर्ता ने लक्ष्मी चौहान ने मानव संसाधन भर्ती नीति नियम 2018 की छानबीन की। तब पता चला कि इसके तहत नियम 15 के अंतर्गत मानव संसाधन प्रकोष्ठ द्वारा अखबारों में भर्ती प्रक्रिया से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित करना अनिवार्य था। इसमें दो प्रमुख सामाचार पत्रों को शामिल किया जाना था। जिसमें भर्ती प्रक्रिया से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध होती।

भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में

भर्ती किस पद के लिए की जा रही है और संबंधित पद के विरूद्ध कितने स्थान रिक्त हैं। इसकी भी जानकारी स्वास्थ्य विभाग की ओर समाचार पत्रों में दिया जाना था। लेकिन विभाग ने इसका पालन नहीं किया। इसी भर्ती प्रक्रिया कंडिका 16 के तहत उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा, साक्षात्कार, वॉक-इन-इंटरव्यू या वांछनीय अहर्तता की मेरिट अंक सूची के माध्यम से किया जाना था। विभाग ने इस नियम के तहत मेरिट सूची को आधार बनाया और भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया।

इस मसले को लेकर सोमवार को पत्रिका टीम ने जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि विज्ञापन प्रकाशित कराया गया है। उनकी ओर एक अखबार की कटिंग दिखाई गई, जो कटिंग दिखई गई, वह विज्ञापन नहीं थी, बल्कि प्रेस विज्ञप्ति थी, जो एक कॉलम में एक अखबार में प्रकाशित कराई गई थी। इसी को सीएमएचओ ने विज्ञापन बताया। अब विज्ञापन जारी नहीं होने के बाद भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है।

अवर सचिव ने दिए जांच के आदेश

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर इस मामले की शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी चौहान ने छत्तीसगढ़ सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में सचिव से की थी। भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी को लेकर स्वास्थ्य सचिव को दस्तावेज सौंपे गए थे।

इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव ने स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के संचालक को मामले की जांच का आदेश दिया। इस जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है ताकि दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा सके। स्वास्थ्य संचालक से अवर सचिव ने इस मामले से संबंधित रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के लिए कहा है। ताकि अधिकारियों की जवाबदेही तय हो सके।

एनआईसी की वेबसाइट पर विजिट

CG News: भर्ती प्रक्रिया से संबंधित जिस सूचना को स्वास्थ्य विभाग को कम से कम दो अखबारों में प्रकाशित कराना था। उसे विभाग ने नहीं कराया, बल्कि भर्ती प्रक्रिया से संबंधित एक जानकारी एनआईसी की वेबसाइट पर प्रशासन के माध्यम से अपलोड कराया। इसके अलावा विज्ञापन की एक अखबार में एक कॉलम की प्रेस विज्ञप्ति का प्रकाशन करवाया।

इस विज्ञप्ति में भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह नहीं बताया गया कि कितने पदों के लिए भर्ती की जा रही है। इसका असर यह हुआ है कि इस भर्ती प्रक्रिया की जानकारी उन्हीं लोगों को मिली, जिन्होंने एनआईसी की वेबसाइट पर विजिट किया। प्रेस विज्ञप्ति में भी पारदर्शिता की कमी रही और इसका असर यह हुआ कि काफी कम उम्मीदवारों ने भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लिया। उम्मीदवारों के बीच जैसी प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए थी। वह नहीं हुई, बल्कि विभाग के पास जितने आवेदन आए उसी को ही आधार बनाकर भर्ती की गई।

विज्ञापन प्रकाशित होता तो उम्मीदवारों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा

स्वास्थ्य विभाग ने खनिज न्यास मद से हुई इस भर्ती को लेकर विज्ञापन प्रकाशित क्यों नहीं कराया? इस पर विभाग की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है। लेकिन विभाग में ही चर्चा है कि विज्ञापन प्रकाशित कराया जाता तो चयन प्रक्रिया में अधिक से अधिक उम्मीदवार भाग लेते, उनके बीच प्रतिस्पर्धा होती। इससे विभाग को अच्छे उम्मीदवारों को चयन करने में मदद मिलती। वहीं भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी होती। लेकिन विभाग की ओर से की गई इस भर्ती में कई उम्मीदवारों को यहां अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन देने का मौका ही नहीं मिला और वे एक अवसर से वंचित हो गए।

डॉ. एसएन केसरी, मुख्य चिकित्सका एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोरबा: भर्ती को लेकर जिला स्तर पर चयन समिति का गठन किया गया था। मानव संसाधन नीति वर्ष 2018 से महत्वपूर्ण बिंदुओं को निकालकर चयन समिति ने जो नियम बनाया, उसी के आधार पर यह भर्ती हुई। जनसंपर्क के माध्यम से सूचना प्रकाशित कराई गई।

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