इंजीनियरिंग छात्रा का निर्वस्त्र शव खिड़की से लटका मिला, परिजन ने लगाए हत्या और दुष्कर्म के आरोप

सिंगरौली जिले में छत्तीसगढ़ की युवती की हत्या का मामला प्रकाश में आया है। युवती का शव निर्वस्त्र अवस्था में खिड़की की ग्रिल में लटका मिला है। स्वजन का आरोप है कि बेटी के साथ दुष्कर्म कर फांसी में लटकाया गया है। शव का पोस्टमार्टम मेडिकल कॉलेज रीवा में किया गया है।
सिंगरौली। सिंगरौली जिले के मोरवा थाना क्षेत्र में एक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया है। भोपाल में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही छत्तीसगढ़ की मूल निवासी छात्रा का शव उनके घर में निर्वस्त्र अवस्था में खिड़की की ग्रिल से बंधा हुआ पाया गया। मृतका के परिजन इस घटना को दुष्कर्म और हत्या करार दे रहे हैं, जबकि पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है।
घर में अकेली थी युवती, बहन ने देखा शव.....
यह दर्दनाक घटना बुधवार को सामने आई, जब बड़ी बहन घर लौटी और उसने देखा कि छोटी बहन का शव खिड़की की ग्रिल से दुपट्टे से बंधा हुआ था। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। घर के दरवाजे अंदर से बंद थे। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने तीन दिन तक कार्रवाई नहीं की और मामला टालती रही।
पिता की हो चुकी थी मृत्यु, मां अनुकंपा पर कार्यरत.....
युवती के पिता कोरबा (छत्तीसगढ़) के मूल निवासी थे और एसईसीएल में कार्यरत थे। निधन के बाद मां को अनुकंपा नियुक्ति मिली और वह सिंगरौली में दो बेटियों के साथ रहती हैं। मृतका कुछ दिन पहले ही भोपाल से घर आई थी।
प्रेम प्रसंग के एंगल पर जांच, एक गिरफ्तार.....
मोरवा टीआई उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस मामले में संदीप वैश्य (22) नामक युवक को गिरफ्तार किया गया है। वह सिंगरौली का ही रहने वाला है। संदीप और मृतका के बीच प्रेम संबंध थे। पुलिस का दावा है कि दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद युवती ने आत्महत्या कर ली।
हालांकि परिजन इस थ्योरी को नकार रहे हैं और साफ तौर पर कह रहे हैं कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म कर उसे मार डाला गया और आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई। उन्होंने शव का पोस्टमार्टम कराने से भी इंकार कर दिया था। बाद में रीवा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम कराया गया।
कार्रवाई में देरी पर उठे सवाल.....
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने हत्या का मामला तो दर्ज किया लेकिन दुष्कर्म की धारा नहीं जोड़ी। साथ ही, शुरुआत में मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। शव को करीब तीन घंटे तक परिजनों ने नहीं उठाने दिया, विरोध जताया गया।
What's Your Reaction?






