अंग्रेजों के बनाए 163 साल पुरानी आपराधिक कानून से अलविदा - पुष्कर

Jul 1, 2024 - 13:52
 0  193
अंग्रेजों के बनाए 163 साल पुरानी आपराधिक कानून से अलविदा - पुष्कर

सारंगढ़ । नगर के सिटी कोतवाली में नए कानून की जानकारी देने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन जिला पुलिस कप्तान पुष्कर शर्मा की अध्यक्षता में एवं जिला कलेक्टर धर्मेश साहू के मुख्य आतिथ्य एवं नोडल अधिकारी हरिशंकर चौहान, एसडीएम अनिकेत साहू , पुलिस उपकप्तान कमलेश्वर चंदेल के विशिष्ट आतिथ्य में थाना परिसर पर कार्यक्रम का श्री गणेश 11 बजे हुआ । कार्यक्रम का संचालन सिटी कोतवाली थाना प्रभारी कामिल हक के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शहर के विशिष्ट गणमान्य नागरिक, एनसीसी के छात्र के साथ ही साथ महिला जनप्रतिनिधि, पत्रकार गणों की उपस्थिति की रही । जिसमें कांग्रेसी नेता पवन कुमार अग्रवाल, भाजपा नेता निखिल केसरवानी, वीरेंद्र निराला, अजय अग्रवाल, पत्रकार भरत अग्रवाल, ओमकार केसरवानी, दीपक थवाईत, गोविंद बरेठा, संजय मानिकपुरी, थॉमस के साथ ही साथ अन्य पत्रकार उपस्थित रहे । कार्यक्रम में सैकड़ो लोगों की गरिमामय उपस्थिति रही।

मंच संचालन करते हुए सिटी कोतवाली थानेदार कामिल हक ने कहां कि- भारतीय दंड संहिता 1860 भारतीय संहिता 2023 के नाम से जाना जाएगा। भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के रूप में जाना जाएगा। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के रूप में जाना जाएगा। नया कानून तैयार करने के लिए विधि विशेषज्ञों की टीम व विभिन्न संस्थाओं से अभिमत लेकर 4 वर्ष 3 माह 19 दिन में भारतीय न्याय संहिता को तैयार किया गया है जो 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू हो गया है । वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर यह कानून बनाया गया है । इसमें 0 एफ आर आई के साथ ईएफआई आर की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे न्याय व्यवस्था पारदर्शी होगा । 

एसआई दया बहन ने कहां कि - दुष्कर्म पीड़ितों का बयान महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक यह रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी होगी। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है। किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिक के साथ सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्यु दंड या उम्र क़ैद प्रावधान जोड़ा गया है। नए कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है। मामले दर्ज किए जाने के 2 महीने के भीतर जांच पूरी की जाए नए कानून के तहत पीड़ितों को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा । महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार या इलाज मुहैया कराया जाएगा ।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि पुलिस उप कप्तान कमलेश चंदेल ने कहा कि - नयें आपराधिक कानून आज से औपनिवेशिक मांनसिकता व उसके प्रतिकों से मुक्त किया गया है । यह कानून दंड के बजाय पूरी तरह से न्याय पर ध्यान केंद्रित करता है । इस कानून का उद्देश्य सबके साथ समान व्यवहार करना है । वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर यह कानून बनाया गया है । यह कानून भारतीय न्याय संहिता की वास्तविक भावना को प्रकट करती है । यह कानून भारतीय संविधान के मूल भावनाओं से अधिरोपित किया गया है । यह कानून व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता हैं । यह कानून मानव अधिकारों के मूल्यों के अनुरूप है, यह कानून पीड़ित केंद्रित न्याय को सुनिश्चित करता है । यह कानून कानून की आत्मा न्याय , समानता, निष्पक्षता को बल देता है । इस नयें कानून में पुलिस की जवाब देही बढ़ाई गई है व विवेचना , जांच में पारदर्शिता लाने के लिए तलाशी और जप्ती के दौरान वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दिया गया है । गिरफ्तारी व तलाशी , जप्ती व जांच में पुलिस की जवाबदेही बढ़ाने के लिए 20 से अधिक धाराएं शामिल की गई है । कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे पुलिस कप्तान पुष्कर शर्मा ने बताया कि - आज इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल रिकॉर्ड को साक्षी के रूप में मान्यता नए कानून के द्वारा दी गई है । डिजिटल रिकॉर्ड की स्वीकार्यता धारा 62 और 63 इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की स्वीकार्यता दी गई है, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में अभिरोपित धारा 167 से बढ़कर 170 किया गया है । 24 धाराएं बदली गई है , दो नई धाराएं जोड़ी गई है । 6 धाराएं निरस्त की गई है । भारतीय नागरिक सुरक्षा में 484 धाराएं थी जिसे बढ़ाकर 531 की गई है । जिसमें 9 नई धाराएं जोड़ी गई है , 14 धाराएं निरस्त की गई है । जांच में प्रौद्योगिकी को उपयोग बढ़ाया गया है । जुर्माना बढ़ाया गया है । धारा 176 (1) (ख) ऑडियो - वीडियो के माध्यम से पीड़ित के बयान रिकॉर्ड करने का अधिकार दिया गया है । आज का दिन बेहद महत्व पूर्ण है आज हम अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए कानून से मुक्त हो रहे हैं ।

मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर धर्मेश साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि - अभी तक भारतीय दंड संहिता के रूप में व्यवस्थाएं संचालित थी, लेकिन 1 जुलाई 2024 से यह भारतीय न्याय संहिता के रूप में चलाई गई है । लॉर्ड मैकाले के द्वारा अर्थात अंग्रेजियत वाले आईपीसी के कानून आज से खत्म हो गई और इसके जगह बने तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए । इनमें भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो गई है । 

कलेक्टर साहब ने बताया कि - नए आपराधिक कानून में जांच, ट्रायल और अदालती कार्यवाहियों में तकनीकी के इस्तेमाल पर खासा जोर दिया गया है । इसलिए एनसीआरबी ने मौजूदा क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम एप्लीकेशन में 23 संशोधन किए हैं, ताकि नए सिस्टम में भी आसानी से कंप्यूटर से एफआरआई दर्ज होने सेमत सीसीटीएनएस संबंधित अन्य तमाम कार्य करने में कोई समस्या ना आए । कलेक्टर साहब के द्वारा अन्य बहुत से उपयोगी जानकारी पत्रकार, गणमान्य नागरिक , एनसीसी के छात्र, विधि छात्र और जन प्रतिनिधियों को दी । आभार प्रदर्शन एसडीएम अनिकेत साहू के द्वारा किया गया ।सिटी कोतवाली के द्वारा उपस्थित सभी लोगों को अल्पाहार करवाया गया ।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow