पंचायती राज अधिनियम धारा 40 ग का जनपद सीईओ द्वारा किया जा रहा है खुला उल्लंघन
रायगढ़ / पुसौर = जनपद पंचायत पुसौर के अंतर्गत आने वाले कई ग्राम पंचायत के सरपंचो ने पंचायती राज अधिनियम 1993 धारा 40( ग )का उलंघन कर अपने रिश्तेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाने हेतु 15 वे वित्त की राशि आहरण किया है जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा दिंनाक26/04/2024को की गई थी 1माह बीत जाने के बाद भी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पुसौर के द्वारा आज दिनांक तक कोई जांच टीम गठित नहीं करना जनपद सीईओ पुसौर के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता है
जनपद सीईओ पुसौर के द्वारा जांच टीम गठित ना करके भ्रष्ट सरपंच सचिवों के भ्रस्टाचार उजागर होने से बचाया जा रहा है।
प्रदेश की साय सरकार जीरो टोलरेंस पर पलीता लगाने का काम रायगढ़ के पुसौर जनपद पंचायत मे बखूबी किया जा रहा है।
ये है धारा 40 का मतलब :
इस अधिनियम के तहत कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही
पंचायत में किसी रिश्तेदार को नौकरी दिलाने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पद या प्रभाव का प्रयोग करना या किसी रिश्तेदार को कोई आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए कोई कार्रवाई करना, जैसे किसी प्रकार का पट्टा देना, पंचायत के किसी पदाधिकारी द्वारा पंचायत में उनके माध्यम से कोई कार्य करवाना।
स्पष्टीकरण - इस खंड के प्रयोजन के लिए, 'रिश्तेदार' शब्द का तात्पर्य पिता, माता, भाई, बहन, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, सास, ससुर, साला, साली, दामाद या पुत्रवधू से होगा।
बशर्ते कि जांच में अंतिम आदेश, जहां तक संभव हो, संबंधित पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तारीख से 90 दिनों के भीतर पारित किया जाएगा।
(2) कोई व्यक्ति, जिसे उपधारा (1) के अधीन हटा दिया गया है, तुरन्त किसी अन्य पंचायत का सदस्य नहीं रह जाएगा, जिसका वह सदस्य है, ऐसा व्यक्ति इस अधिनियम के अधीन निर्वाचित होने के लिए भी छह वर्ष की अवधि के लिए निरर्हित होगा।
अब देखना यह लाजमी होगा की खबर प्रकाशन के बाद जनपद सीईओ के द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है।
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