रील्स और शार्ट्स पर अश्लील कंटेंट परोसने का मामला हाई कोर्ट में, सेंसरशिप पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित पक्षकारों से इस पर कार्रवाई करने को कहा। याचिका में आरोप है कि अश्लील वीडियो समाज को प्रभावित कर रहे हैं और सरकार इसे नियंत्रित करने में विफल रही है।
हाई कोर्ट ने अश्लील कंटेंट पर चिंता जताई।
याचिका में सरकार से कार्रवाई की मांग की।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से नियम बनाने को कहा।
ग्वालियर। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रील्स और शॉर्ट्स में अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट परोसे जाने के खिलाफ सेंसरशिप पर सवाल खड़े करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने गंभीर चिंता जताई।
इसको लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई में सोमवार को हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार, सूचना प्रसारण मंत्रालय और कई इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों के अलावा मध्य प्रदेश शासन को भी पक्षकार बनाने के आदेश दिए।
केंद्र से हाईकोर्ट के सवाल....
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केंद्र की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता से पूछा कि इंटरनेट मीडिया पर अश्लील कंटेंट की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार क्या-क्या कर सकती है? क्या नियम लागू किए जा सकते हैं? इसके संबंध में अब तक क्या कोई नियम बनाए गए हैं? मामले की सुनवाई अब तीन मार्च को होगी।
अश्लील कंटेंट से यूजर्स पर पड़ रहा गलत प्रभाव.....
ग्वालियर निवासी अनिल बनवारिया की ओर से हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि स्नैपचैट, फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेहद अश्लील व आपत्तिजनक सामग्री वाले फेक रील्स व शॉर्ट्स वीडियो धड़ल्ले से वायरल हो रहे हैं।
इससे समाज का हर वर्ग खासकर बच्चे और युवा दिग्भ्रमित होकर न केवल अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि आपराधिक क्रियाकलापों में भी लिप्त हो रहे हैं।
याचिका में यह भी कहा कि भारत में दंडात्मक प्रविधान होने के बावजूद ऐसी अश्लील पोस्टों पर न तो कोई रोक है और न ही कोई नियंत्रण हैं।
भारत सरकार कभी-कभार इस संबंध में चिंता व्यक्त करती है, लेकिन अश्लीलता फैलाने वाले इंटरनेट मीडिया के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई करती है, न ही अश्लील पोस्टों को कंट्रोल करने के लिए कोई दिशा निर्देश जारी करती है।
What's Your Reaction?






