कोर्ट में वकील के साथ अभद्र व्यवहार करने वाला SDM कार्यालय का बाबू गया जेल! कल हुआ था गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज..
रायगढ़। न्यायालय परिसर में न्याय मित्र के साथ अभद्र व्यवहार और झूमा झटकी करने वाले एसडीएम कार्यालय के क्लर्क को आज रविवार दोपहर न्याय हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
इस मामले में शनिवार रात को ही चक्रधर नगर पुलिस ने गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर किया। आरोपी गोविंद प्रधान पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 221, 322(2), 267, 351(2), एवं न्यायालय अवमानना अधिनियम 12 के तहत गिरफ्तार कर अपराधदर्ज कर लिया गया है। आरोपी को आज न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहा से उसे ज्यूडिशियल रिमांड में जेल भेज दिया गया।
आरोपी गोविंद प्रधान और उसकी पहली पत्नी सीमा प्रधान के बीच परिवार न्यायालय में भरण पोषण का मामला चल रहा था। परिवार न्यायालय में इसी वाद के दौरान न्यायमित्र (अधिवक्ता) आशीष मिश्रा के साथ सुनवाई के दौरान ही दुर्व्यवहार और अपमानजनक वारदात को अंजाम दिया गया। कोर्ट ने मामले को बड़ी गंभीरता से लिया है और इस मामले में आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।
दो शादियां कर चुका है आरोपी
इस वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी गोविंद प्रधान एसडीएम कार्यालय का क्लर्क है। जो इस एक कर्मचारी यूनियन का उपाध्यक्ष भी है। गोविंद प्रधान ने दो शादियां की हैं और आरोपी गोविंद प्रधान अपनी पहली पत्नी और बच्चों को अपने साथ रखने के लिए तैयार नहीं था।
जिसके बाद उसकी पहली पत्नी ने अपने और अपने बच्चों के भरण पोषण के लिए परिवार न्यायालय में गुहार लगाई थी। जिसपर परिवार न्यायालय द्वारा अधिवक्ता आशीष मिश्रा को उनका न्यायमित्र बनाया गया था।
न्यायालय का भी नहीं रखा मान
इस पूरे मामले की शनिवार को कोर्ट में पेशी थी। आरोपी के द्वारा न्यायाधीश के सामने इस बात को कबूला गया कि उसने अपनी पहली पत्नी को छोड़कर दूसरी शादी की है। उसने अपनी पहली पत्नी को अपने साथ रखने से मना कर दिया गया और उसके साथ ही भरण पोषण के लिए मांगे गए 50 हज़ार के लिए भी वह मारपीट पर उतारू हो गया।
पीड़ित पहली पत्नी की इस मांग को उनके द्वारा अधिकृत न्यायमित्र अधिवक्ता आशीष मिश्रा के द्वारा कोर्ट के सामने पेश किया गया।पीड़ित की मांग को खारिज करते हुए उल्टे न्यायमित्र के साथ ही काफी अपमानजनक तरीके से दुर्व्यवहार किया गया। यह सब कुछ उस समय हुआ जब न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष इसकी सुनवाई चल रही थी।
इस मामले में सूत्र बता रहे हैं कि न्याय मित्र आशीष मिश्रा की दलील से बौखलाए हुए गोविंद प्रधान ने न्यायाधीश के सामने ही प्रत्यक्ष रूप से उन पर हमले की नीयत से पकड़ लिया। जहां उपस्थित वकीलों ने बीच बचाव कर गोविंद प्रधान को अलग किया।
आरोपी को कोर्ट से ज्यूडिशियल रिमांड में जेल भेजा गया
अधिवक्ताओं में दिखा आक्रोश
इस घटना को लेकर अधिवक्ताओं में भी काफी आक्रोश दिखा। कोर्ट ने भी इस मामले को काफी गंभीरता से लिया और इस मामले परिवार न्यायालय द्वारा पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए। चक्रधर नगर पुलिस में इस मामले को दर्ज किया गया। न्यायालय के समक्ष इस प्रकार की घटना को लेकर गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
गैर कानूनी दूसरी शादी के बाद भी सरकारी नौकरी पर
गोविंद प्रधान ने मुकदमे के दौरान न्यायालय में स्वीकार किया कि उसने दूसरा विवाह कर लिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष मिश्रा द्वारा इस पर जिला कलेक्टर से प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की गई है। क्योंकि गैरकानूनी रूप से दो शादियां करने वाला कानून सरकारी नौकरी या पद पर नहीं रह सकता।
वकीलों का है पुराना दुश्मन
एडवोकेट आशीष मिश्रा ने मीडिया को बताया कि गोविंद प्रधान विगत दो वर्ष पूर्व भी अधिवक्ताओं द्वारा भ्रष्ट बाबुओं के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन के दौरान अपने दुर्व्यवहार और कटु वचनों के लिए कुख्यात रहा है। पिछले साल हुए अधिवक्ता और राजस्व न्यायालय के बीच हुए विवाद में उसे दौरान गोविंद प्रधान के द्वारा अधिवक्ताओं को खुलेआम धमकी दी गई थी कि वह एक-एक वकीलों को पकड़ पकड़ कर मारेगा, ऐसा ही दृश्य आज न्यायालय में देखने को मिला। वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष मिश्रा ने गोविंद प्रधान के इस कृत्य के लिए कांग्रेस शासन के दौरान उसे बढ़ावा देने को जिम्मेदार ठहराया है।
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