एक लाश फ्रिज में, एक किचन में.. पांच सिर वाले शैतान का मौत का तांडव, जबलपुर की ये कहानी रौंगटे खड़े कर देगी

Jul 28, 2024 - 14:26
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एक लाश फ्रिज में, एक किचन में.. पांच सिर वाले शैतान का मौत का तांडव, जबलपुर की ये कहानी रौंगटे खड़े कर देगी

जबलपुर की ये कहानी थोड़ी अलग है। एक लड़की कैसे अपने पिता और भाई की कातिल बन गई, ये सुन कर आप चौंक जाएंगे? इस क्राइम में उसका साथ दिया लड़की के Boyfriend ने।

कहानी जबलपुर की है। जबलपुर में एक इलाका है सिविल लाइंस। यहां रेलवे की मिलेनियम कॉलोनी है। यहां के मकान नंबर 364/3 में राजकुमार विश्वकर्मा अपने परिवार के साथ रहते थे। राजकुमार DRM Office में अधीक्षक के पद पर तैनात थे। घटना इसी साल 14 मार्च की देर रात हुई। घर में दो लाशें पड़ी थी। एक लाश फ्रिज के अंदर तो दूसरी किचन में। एक राजकुमार की लाश थी, जब कि दूसरी उसके बेटे तनिष्क की। राजकुमार की लाश किचन में फर्श पर पड़ी थी। वो लाश भी पॉलिथीन में लपेट कर रखी गई थी, जब कि उनके 8 साल के बेटे तनिष्क की लाश फ्रिज में रखी गई थी। 

अब सवाल ये था कि इन दोनों की हत्या किसने और क्यों की? 15 मार्च की सुबह की बात है। जबलपुर से करीब सवा दो सौ किलोमीटर दूर पिपरिया में रहने वाली आरती के मोबाइल पर एक व्हाट्स एप ऑडियो मैसेज आया था। ऑडियो मैसेज उसकी चचेरी बहन 16 साल की काव्या ने जबलपुर से भेजा था। काव्या राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी है। उसने मैसेज में कहा था कि उसके पापा और भाई को किसी ने मार डाला है और दोनों की लाशें घर में पड़ी हैं। वो सन्न रह गई। उसने ये जानकारी फौरन पुलिस को दी। 

किसने किया डबल मर्डर?

जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची तो घर का पिछला दरवाजा गैस कटर से काटा गया। घर के अंदर दो लाशें पड़ी थी। एक लाश फ्रिज में और दूसरी लाश किचन में। अब पुलिस के लिए सबसे अहम सवाल ये था कि आखिर इनका मर्डर किसने और क्यों किया? राजकुमार की 16 साल की बेटी काव्या गायब थी। लिहाजा शक उसी पर गया। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी खंगालने शुरू किए। पुलिस के हाथ पुख्ता सबूत लगे। इसमें एक लड़का और लड़की नजर आए। पांच अलग-अलग कैमरों में जो लड़की नजर आ रही है, वो राजकुमार की बेटी काव्या ही थी। घर में विश्वकर्मा के अलावा उनकी 16 साल की बेटी काव्या और 8 साल का बेटा तनिष्क ही रहते थे। राजकुमार की पत्नी की 2023 में बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। 15 मार्च की दोपहर करीब 12 बजे इस रेलवे कॉलोनी से एक लड़का लाल रंग की स्कूटी से बाहर निकलता है। जैसे ही वो लड़का कॉलोनी के गेट से बाहर निकलता है, तभी एक लड़की ठीक उसके पीछे-पीछे पैदल बाहर निकल जाती है। और उसी तरफ मुड़ती है, जिस तरफ स्कूटी पर बैठा वो लड़का मुड़ा था। ये लड़की कोई और नहीं बल्कि राजकुमार की बेटी काव्या थी। इसके बाद एक के बाद एक कई और सबूत पुलिस के हाथ लगे, जिसमें कुछ और फुटेज भी शामिल थी। जांच में ये भी पता चला कि आरोपियों ने रेल से नहीं बल्कि बस से सफर किया था। इस दौरान कई बार बस बदली। पुलिस ने बस के रूट को खंगाला तो एक प्वाइंट के बाद जांच रुक गई। 

मुकुल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था राजकुमार ने

जांच में पता चला कि जो लड़का काव्या के साथ फुटेज में दिख रहा था उसका नाम मुकुल सिंह था। मुकुल इसी रेलवे कॉलोनी में काव्या का पड़ोसी था। पिछले साल सितंबर में काव्या ने मुकुल के खिलाफ पुलिस में एक रिपोर्ट लिखाई थी। इसी के बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और बाकी धाराओं में मुकुल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन करीब महीने भर बाद वो जमानत पर बाहर आ गया। सितंबर में इस रिपोर्ट को लिखाने के साथ-साथ काव्या के पिता राजकुमार विश्वकर्मा ने अपनी बेटी को अपने भाई के घर पिपरिया भेज दिया था। तब से काव्या वहीं रह रही थी। दसवीं की स्टूडेंट काव्या का इसी महीने बोर्ड का इम्तेहान था। वो इम्तेहान देने वापस जबलपुर आई थी। 

कहानी का एक पहलू ये है कि काव्या और मुकुल एक दूसरे को प्यार करते थे। ये बात काव्या के पिता राजकुमार विश्वकर्मा को पता चल गई थी। इसी के बाद उन्होंने काव्या के जरिए मुकुल के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई। जिसके बाद मुकुल जेल गया और मुकुल से दूर करने के लिए काव्या को अपने भाई के पास पिपरिया भेज दिया। अब जब बोर्ड का इम्तेहान देने काव्या वापस लौटी, तो दोनों ने मिल कर राजकुमार और तनिष्क की हत्या कर दी।

इस केस को पुलिस ने आखिरकार दो महीने के बाद सुलझा लिया। आरोपी काव्या और उसका दोस्त मुकुल पकड़े गए। दोनों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। दोनों को 29 मई को लोगों ने हरिद्वार के एक अस्पताल में पहचान लिया था, जिसके बाद लोगों ने लड़की को तो रोक लिया, जिसे पुलिस के हवाले कर दिया गया, लेकिन मुकुल सिंह वहां से भागने में कामयाब हो गया, लेकिन अपनी गर्लफ्रेंड के पकड़े जाने के दो दिन बाद मुकुल सिंह ने भी थाने में सरेंडर कर दिया। 

जांच में पता चला कि कुछ महीने पहले राजकुमार विश्वकर्मा ने अपनी बेटी के साथ मुकुल को देख कर उसके खिलाफ रेप का केस दर्ज करवाकर उसे जेल भिजवा दिया था, जिसके बाद से मुकुल बदले की आग में जल रहा था। मुकुल ने जेल में रहते हुए ही पांच लोगों के क़त्ल की प्लानिंग की थी, क्योंकि उसे लगता था कि यही पांच लोग उसे जेल भिजवाने के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें सबसे पहला नाम तो गर्लफ्रेंड काव्या के पिता राजकुमार का ही था। दूसरा नाम गर्लफ्रेंड का ही था, क्योंकि तब उसे लगता था कि गर्लफ्रेंड भी घरवालों से मिली हुई है। तीसरा नाम उनकी एक महिला रिश्तेदार का था, जो दोनों के रिश्ते का विरोध करती थी। चौथा नाम एक पड़ोसी का था जो उन्हें टोकाटाकी करता था, जबकि पांचवां क़त्ल वो उस पुलिस अफ़सर का करना चाहता था, जो उसके खिलाफ चल रहे रेप केस की जांच कर रही थी। 

टैटू बनवाया था आरोपी ने 

गिरफ्तारी के बाद तलाशी के दौरान मुकुल के सीने पर पांच सिर वाले शैतान का एक टैटू नजर आया। पुलिस ने जब इस टैटू को लेकर उससे सवाल पूछा तो उसने कहा कि ये टैटू असल में उसे उसके बदले और टारगेट की याद दिलाने के लिए था, जो उसने जेल से बाहर आने पर सीने में गुदवा लिया था। इस टैटू में शैतान के पांच सिर हैं और उसे भी पांच लोगों की जान लेनी थी। जेल से बाहर आने के बाद उसकी फिर से अपनी गर्लफ्रेंड से बातचीत चालू हो गई और तब उसने गर्लफ्रेंड का नाम लिस्ट से हटा दिया। क़त्ल के बाद वो लाशों के टुकड़े कर उन्हें ठिकाने लगाना चाहते थे, लेकिन ये हो न सका। 

घटना वाले दिन राजकुमार पर हमला होते ही बच्चा कातिल के पैरों से लिपट कर अपने पिता को बचाने की कोशिश करने लगा, जिस पर क़ातिल मुकुल ने चॉपर से उसके भी सिर और गर्दन पर एक के बाद एक कई वार किए और उसकी भी जान ले ली, इसके बाद वो काव्या को लेकर फरार हो गया।

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