जामपाली कोयला खदान में ट्रांसपोर्टरों की गुंडागर्दी बढ़ी, प्रशासन लगाम लगाने में नाकामयाब....
रायगढ़ जिले का सबसे विवादित क्षेत्र घरघोड़ा आए दिन सुर्खियों में बना रहता है इसका सबसे बड़ा मामला तो कोयले की तस्करी को लेकर होता है सूत्रों की माने तो इस माइंस में दादागिरी के बल पर कुछ ट्रांसपोर्ट अधिकारियों से साथ गांठ करके कोयले की अफतफरी करते हैं और इसका खामियाजा में सड़क पर चलने वाले आम नागरिकों को भोगना पड़ता है क्योंकि माइंस के अंदर इतनी जगह नहीं की हजारों गाड़ियां इसके अंदर खड़ी हो सके इसलिए ट्रांसपोर्ट की लगभग पूरी गाड़ियां सड़क पर खड़ी होती है, जिससे जाम की स्थिति आए दिन निर्मित होती है कभी-कभी तो यह भी देखा गया है कि गाड़ियों को पहले खदान में लगाने की बात पर मारपीट व खतरनाक हथियारों का उपयोग भी माइंस के अंदर हुआ है आखिर इतना कुछ होने के बावजूद जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन इस माइंस की ओर क्यों ध्यान नहीं देती है इस कोयला खदान में कभी भी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता उसके बाद इस घटना का जिम्मेदार आखिर कौन होगा?
रायगढ़। एक बार फिर से जामपाली कोयला खदान में गुंडागर्दी चरम पर है। यदि जिला प्रशासन और पुलिस इन पर लगाम नहीं लगाएगी तो आने वाले समय में ऐसे अराजक तत्व का मनोबल बढ़ता रहेगा। बीते हफ्तों पहले एक युवक ने बीच सड़क पर कार रोक कर सैकड़ों ट्रक और डंपर को रोक दिया था, जिससे उस क्षेत्र से आने वाली सभी गाड़ियां बस हो या अन्य कोई वाहन में सवार यात्रियों को कई घंटों तक परेशान होना पड़ा था। आखिर इस युवक के इस प्रकार बर्ताव पर पुलिस ने कार्यवाही क्यों नहीं की। किसके संरक्षण में इसकी गुंडागर्दी लगातार क्षेत्र में बनी हुई है। जबकि जिले के सभी ट्रांसपोर्ट मिलकर कुछ नियम बनाए थे, जिसका पूर्व में पालन और कोयले का उठाव बहुत अच्छे से चल रहा था। लेकिन एक ट्रांसपोर्टर के दादागिरी ने कोयला खदान में नियमों की अनदेखी कर, अपनी दादागिरी के बल पर कोयले का उठाव और जबरन अपनी गाड़ियों को लाइन में ना लगा कर वहां की फिजाओं में जहर घोल रहा है।
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