कश्यप जयंती पर केशरवानी समाज की निकली शोभा यात्रा
सारंगढ़ । स्थानीय नगर के केशरवानी समाज द्वारा केशरवानी समाज के जनक कश्यप ऋषि की पावन जयंती अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई । यह शोभायात्रा केसरवानी धर्मशाला से नगर के भारत माता चौक, आजाद चौक , नंदा चौक, बनिया पारा , केडिया चौक, जयस्तंभ चौक होते हुए वापस आजाद चौक पहुंची । जहां अग्रवाल समाज के द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया , साथ ही साथ उनके लिए अल्पाहार की व्यवस्था अग्रवाल समाज के द्वारा की गई । शोभायात्रा शहर के जब मुख्य मार्ग से निकली , उस समय केशरवानी समाज की सभी प्रतिष्ठानें बंद थी एवं दुकान के सामने , घर के सामने दीपक जलाकर शोभा यात्रा की स्वागत की गई । उक्त शोभा यात्रा का स्वागत चाय, नाश्ता और ठंडा से अन्य समाज के लोगों के द्वारा भी किया गया । इस शोभा यात्रा में सैकड़ो की संख्या में केशरवानी समाज के युवा युवती, महिला पुरुष, बालक बालिकाएं उपस्थित रहे । हर चौक चौराहे पर ढोल के साथ नृत्य करते हुए समाज के युवा वर्ग दिखाई दिए तो कुछ युवक आतिशबाजी करते हुए दिखाई दिए ।
केशरवानी समाज की महिला अध्यक्ष प्रतिभा केसरवानी ने बताया कि - कश्यप जयंती का पर्व उनके महान योगदान, ज्ञान और सृष्टि की रचना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है । इस दिन लोग विशेष पूजा अर्चना करते हैं । धार्मिक ग्रंथो का पाठ करते हैं और समाज में शांति व सद्भावना के लिए प्रार्थना करते हैं । कृष्ण कुमार केसरवानी ने बताया कि - कश्यप जयंती ऋषि कश्यप की जन्मोत्सव के उपलक्ष में मनाई जाती है , जो हिंदू धर्म के महान ऋषि और सप्त ऋषियों में से एक थे । ऋषि कश्यप को सृष्टि के रचना कार और देवताओं के पूर्वज के रूप में माने जाते है । वें अत्यंत ज्ञानवान और महान तपस्वी थे, उनके आशीर्वाद से केशरवानी समाज का उद्भव हुआ है , वें केशरवानी समाज के जनक है ।
केशरवानी समाज के वरिष्ठ नेता जगन्नाथ केसरवानी ने बताया कि - केशरवानी समाज मुख्य रूप से एक व्यापारी वर्ग है, जो पारंपरिक रूप से केसर और अन्य मसाले के व्यापार से जुड़े हुए हैं और इसे भारत के विभिन्न हिस्सों में फैलाने का श्रेय केशरवानी समाज को जाता है । यह समाज अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को कश्यप ऋषि से जोड़ता है जिससे उन्हें एक पवित्र और विशेष पहचान मिलती है ।
केसरवानी के समाज के पूर्व अध्यक्ष कृष्ण कुमार केसरवानी कृष्णा क्लास सेंटर ने इस विषय पर कहा कि - केशरवानी समाज का भी अपना एक इतिहास है । जो यह मानता है कि- उनकी उत्पत्ति कश्यप ऋषि से हुई है । इस समाज का दावा है कि - वें कश्यप ऋषि के वंशज है , जो वेदों और पुराणों में वर्णित प्रमुख ऋषियों में से एक थे । कश्यप ऋषि ने ब्रह्मा जी के पुत्र और आदिकालीन सप्त ऋषियों में से एक होने के नाते कई प्रकार की प्रजा का सृजन कियें थे । संध्या 6 बजे निकली केशरवानी समाज की शोभायात्रा जो रात्रि 10 बजे केसरवानी धर्मशाला पहुंची । जहां केशरवानी समाज के द्वारा महाप्रसाद की व्यवस्था की गई थी। शोभा यात्रा जिसके आगे आगे डीजे, रथ, धमाल के साथ ही साथ अन्य वाद्य बज रहे थे । बजाते हुए वाद्यों के साथ युवा और युवती नाचते हुए दिखाई दिए । पूरे शोभायात्रा के मार्ग में केशरवानी समाज के द्वारा हर वर्ग के लोगों को मिष्ठान वितरण कर कश्यप जयंती और आंवला नवमी का महान पर्व को मनाते हुए दिखाई दिए । शोभा यात्रा के साथ ही साथ पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा के निर्देश पर एक चार का गार्ड शांति व्यवस्था बनाने के लिए शोभायात्रा के साथ घूमते हुए नजर आयी ।
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