विवाह पंचमी को धुमधाम से संपन्न हुआ भगवान राम सहित चारों भाईयों का विवाह....

Dec 6, 2024 - 23:51
Dec 7, 2024 - 00:02
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 वीर विहिन मही मय जाना - पं. रविन्द्र दुबे जी महाराज...

कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क....

संवाददाता :- दीपक गुप्ता....✍️

सूरजपुर :- जिले के भैयाथान विकासखंड अंतर्गत ग्राम बड़सरा चल रहे 9 दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन विवाह पंचमी के अवसर पर बड़ी धुमधाम से भगवान राम - सीता का विवाहोत्सव मनाया गया  व्यास पीठ पर विराजित पं रविन्द्र दुबे जी महाराज ने जैसे ही राम-जानकी विवाह का प्रसंग सुनाया। राम-जानकी प्रसंग सुन पूरा पंडाल खुशी से झूम उठा। कथा व्यास पं. रविन्द्र दुबे ने कथा में बताया कि सीता स्वयंवर पर प्रत्यंचा चढ़ाना कोई सरल कार्य नहीं था। राम ने जनकपुर के स्वयंवर में अपनी अदभुत वीरता दिखाई और जिस धनुष को अन्य देशों से पहुंचे राजा महाराजा हिला नही सकें उस धनुष को उठाकर भगवान राम ने सीता से विवाह किया। कथा व्यास ने श्रोताओं को आगे बताया कि वर माला के वक्त लक्ष्मण जी ने भगवान राम से कहा कि हम रघुवशी अभी भी किसी के सामने सिर नही झुकाते जब भगवान राम वरमाला पहनने अपना सिर नही झुकाया तब विनम्रतापूर्वक पुर्वक माता सीता ने लक्ष्मण जी से आग्रह किया तब कही जाकर माता सीता ने राम जी के गले में वर माला डालकर उन्हे पति के रूप में स्वीकार किया। राम कथा में सीता की बिदाई हुई । उन्होंने कहा कि जनकपुर से जब सीताजी की बिदाई हुई तब उनके माता-पिता ने उन्हें ससुराल में कैसे रहना है इसकी सीख दी। प्रत्येक माता-पिता को अपनी पुत्री के विवाह के समय ऐसी ही सीख देनी चाहिए। कन्या को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिससे ससुराल व मायका दोनों कुल कलंकित हो। माता सीता ने पूरे जीवन अपने माता पिता की सीख का पालन किया ओर जीवन में कष्ट सहन करते हुए भी कोई अनुचित कार्य नहीं किया।

चारों भाईयों का एक साथ हुआ विवाह :- कथा व्यास ने श्रोताओं को बताया कि पहले तो केवल भगवान राम की बारात अयोध्या से जनकपुर गई थी बाद मे गुरु वशिष्ठ के आदेश पर राजा दशरथ ने अपने शेष बचे अपने तीनों पुत्रों का विवाह किया भगवान राम ,माता सीता लक्ष्मण जी , उर्मिला भरत , माण्डवी , शत्रुघ्न , श्रुतकीर्ति सभी परिणय सूत्र मे बधे । 

विवाह उत्सव मे जमकर फुटे फटाखें :- आज विवाह पंचमी के अवसर पर श्री राम कथा महोत्सव मे संपन्न हुऐ विवाह प्रसंग के दौरान उपस्थित श्रोताओं ने फटाखे फोड़ कर जोरदार विवाह उत्सव मनाया । आज के आयोजन मे भगवान राम का किरदार प्रज्ञा जायसवाल सीता जी का किरदार गुनगुन जायसवाल लक्ष्मण जी का किरदार चंदु सिंह उर्मिला जी का किरदार आकृति गुप्ता (पालू) भरत जी का किरदार अविन्या साहू माण्डवी का किरदार राजिम साहू शत्रुधन जी का किरदार भारती जायसवाल व उनकी पत्नी श्रुतकीर्ति का किरदार भारती साहू ने निभाया ।

 श्रोताओं ने उतारी आरती :- ईश्वर रुपी सभी बालिकाओं का मुख्य कथा श्रोताओं ने चरण धुली कर आरती उतारा वहीं आज के कथा प्रसंग मे श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी कथा के बाद प्रसाद व भोजन की व्यवस्था ग्रामवासियों के सहयोग से विश्व कल्याण समिति बड़सरा द्वारा की गई थी जिसका श्रोताओं ने भरपूर लुप्त उठाया ।

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