छत्तीसगढ़ में NIA की एंट्री! चुनाव के दौरान पोल टीम पर हुए हमले की जांच में गांवों में ली तलाशी

छत्तीसगढ़ में शुक्रवार के दिन एनआईए की टीम ने रेड मारी है। विधानसभा चुनाव के दौरान हुए नक्सल हमले की जांच के लिए प्रदेश के सुदूर के गांवों में तलाशी ली। छत्तीसगढ़ के धमतरी और गरियाबंद में 11 संदिग्ध लोगों के घरों से मोबाइल और सिम जब्त हुए हैं।
रायपुरः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीमों ने पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान और सुरक्षा दल पर नक्सलियों (सीपीआई) के हमले के सिलसिले में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के सुदूर गांवों में कई स्थानों पर तलाशी ली। इसके साथ ही यह मामला चुनाव की टीम के ऊपर हमले के साथ नक्सली कैडर कृष्णा हांसदा की गिरफ्तार से जुड़ा है। एनआईए ने कई संदिग्धों और ओजीडब्ल्यू के संबंधों का पता लगाया। यह गिरिडीह जिले के पारसनाथ क्षेत्र में नक्सलियों को राशन और इलेक्ट्रॉनिक सामान की आपूर्ति में शामिल थे।
प्रदेश के गरियाबंद और धमतरी जिलों के संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के रावनडिग्गी, सेमरा, मैनपुर, घोरागांव, केराबाहरा और गरियाबंद गांवों में 11 संदिग्धों के कई ठिकानों पर तलाशी ली गई। माना जा रहा है कि संदिग्ध प्रतिबंधित सीपीआई (नक्सली) आतंकी संगठन के मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन के ओवर ग्राउंड वर्कर (ओडब्ल्यूजी) और समर्थक थे।
चुनाव के दौरान नक्सली हमले की जांच
जांच से पता चला है कि पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ेगोबरा गांव से मतदान के बाद लौट रहे मतदान दल और सुरक्षाकर्मियों पर हमला हुआ था। इसमें आइटीबीपी एडहॉक 615 बटालियन के हेड कांस्टेबल की हत्या करने वाले आइईडी विस्फोट के पीछे मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन का हाथ था। शुक्रवार के दिन जिन संदिग्धों के परिसरों की तलाशी ली गई, उनके नाम आरसी-05/2024/एनआईए-आरपीआर मामले में एनआईए की जांच के दौरान सामने आए थे।
एनआईए द्वारा तलाशी के दौरान नक्सली पर्चे, बुकलेट, मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस के अलावा 1.5 लाख रुपये कैश और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। जिसने अब तक मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
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