राशनकार्ड के नाम पर अय्याशी..? ऐसे पार्षदों से सावधान...?
रायगढ़ - नगर निगम चुनाव हर उम्मीदवार यह दिखाने का प्रयास करता है कि मैं जानता कि हर समस्याओं को विशेष ध्यान दूंगा और उन्हें पूरा भी करूँगा लेकिन जब कोई कोई पार्षद बन जाता है तो फिर मानो उसके जलवे होते है वह क्या क्या नही करता।
आज के दौर में लगभग लगभग हर परिवार यह चाहता है की उनका गरीबी रेखा का राशनकार्ड रहे लेकिन इसके लिए पार्षद की मंजूरी लगभग अनिवार्य होती है और हर परिवार में पुरुषों के पास काम इतना रहता है कि वे पार्षद के पास नही जा पाते और महिलाओं को राशनकार्ड के लिए भेजते है लेकिन कुछ पार्षद की गंदी नजर उनके राशनकार्ड पर नही कुछ और पर होती है इसलिए पहले उन्हें घुमाया जाता है और जब वे थक जाते है तो फिर कुछ महिलाएं पार्षद को लोभ देती है और फिर पार्षद अपने मंसूबे पर कामयाब हो जाते है और फिर अय्याशी में मस्त रहते है। इसलिए ऐसे पार्षदों के चक्कर मे न आए भले राशनकार्ड बने या न बने।
What's Your Reaction?