"घरघोड़ा थाने में इंसाफ नहीं, सौदेबाज़ी होती है साहब ; रायगढ़ पुलिस की वर्दी पर लगा दाग..."

May 20, 2025 - 09:19
May 21, 2025 - 07:34
 0  478
"घरघोड़ा थाने में इंसाफ नहीं, सौदेबाज़ी होती है साहब ; रायगढ़ पुलिस की वर्दी पर लगा दाग..."

रायगढ़। जिले में जब कोई मां अपने बेटे की लहूलुहान हालत में उसे उठाकर थाने पहुंचती है, तो उम्मीद होती है न्याय की। लेकिन रायगढ़ जिले के घरघोड़ा थाना में न्याय नहीं, नंगई, सौदेबाज़ी और खुली धमकी परोसी जाती है वो भी वर्दीधारियों के द्वारा!

मारपीट, लूट, छेड़छाड़, गाली-गलौच ; आरोपियों ने किया ‘घोषणा’ और पुलिस बनी मूकदर्शक : 30 अप्रैल 2025 की रात, घरघोड़ा के नवापारा में एक युवक को यश सिन्हा और उसके साथियों -रितेश गुप्ता, शैलेश चौहान, आयुष डनसेना, निखिल शर्मा - ने सरेआम पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। पीड़ित की हालत देख किसी की भी रूह कांप जाए , शरीर पर गंभीर जख्म, बाल काट दिए गए, खून से सना शरीर और अपराधियों की ज़ुबान पर था खुला ऐलान - “हमने मारा है... जान से खत्म कर देंगे!”

जब मां मौके पर पहुंची, तो उसे भी बख्शा नहीं गया। आरोपियों ने उसके साथ अभद्रता की, गंदी-गंदी गालियां दीं, गले की चेन लूट ली और शरीर से छेड़छाड़ तक की। क्या यही है "महिला सुरक्षा" के सरकारी दावे?

और अब असली तमाशा शुरू होता है ; थाने के भीतर, कानून के मंदिर में : 17 मई को जब पीड़िता अपने बेटे को लेकर घरघोड़ा थाना पहुंची, तो वहां कानून नहीं, गुंडागर्दी का सरकारी संस्करण मिला। थाना प्रभारी ने उन्हें घंटों बैठाकर रखा, फिर कमरे में बुलाकर धमकी दी  “शिकायत वापस ले लो, वरना छेड़छाड़, एससी/एसटी एक्ट, सब लगेगा तुम्हारे बेटे पर!”

यह सब उस कमरे में हुआ जहां आरोपी यश सिन्हा का पिता और उसका वकील आराम से कुर्सी पर बैठे थे। पीड़िता खड़ी थी  अपमानित, डरी हुई, लेकिन चुप नहीं।

सवाल ये नहीं कि ये सब हुआ, सवाल ये है :  पुलिस यह सब कैसे होने दे रही है? या खुद करा रही है?...

क्या रायगढ़ पुलिस अपराधियों की मुखबिरी और उनकी सेवा के लिए तनख्वाह ले रही है? क्या थाना अब FIR लिखने की जगह “मुकदमा वापसी की डील” करने का अड्डा बन गया है?

*CCTV खोल दो और पूरी रायगढ़ जनता देखे वर्दी का असली चेहरा :* थाने की CCTV फुटेज (2 बजे से 6 बजे तक) सब कुछ साफ कर देगी। लेकिन प्रशासन चुप है — क्योंकि जब वर्दी बिकती है, तो सच्चाई मिटाने की कोशिश होती है।

अब मामला सिर्फ एक महिला का नहीं ; यह रायगढ़ की हर मां-बहन की इज्जत और न्याय की लड़ाई है।

अगर आज आवाज नहीं उठाई गई, तो कल हर थाने में यही नंगा नाच होगा — अपराधी कुर्सी पर बैठेंगे, पीड़ित खड़ा रहेगा!"

रायगढ़ पुलिस, जवाब दो- क्या तुम अपराधियों की पाले में हो?" कब तक खाकी को बिचौलियों की तरह इस्तेमाल होने दोगे?...

चेतावनी इस मामले में तत्काल :

* घरघोड़ा थाना प्रभारी को निलंबित नहीं किया गया,

* आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई,

* CCTV फुटेज सार्वजनिक नहीं हुई,

तो यह मामला न्यायपालिका तक नहीं, जनता की अदालत तक जाएगा और वहां फैसला सिर्फ कानून नहीं, क्रांति करेगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow