मुआवजा सुची मे विसंगति किसानों ने कहा मिले उचित मुआवजा तब तक नही लगाने देगें अपने जमीन पर विद्युत टावर.....

Jun 26, 2024 - 14:53
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कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क....

 संवाददाता :- दीपक गुप्ता....✍️

सूरजपुर / भैयाथान :- जिले के ब्लॉक मुख्यालय भैयाथान से लगे ग्राम पासल में रेण नदी पर विद्युत परियोजना की स्थापना की जा रही है। विश्रामपुर तक विद्युत ट्रांसमिशन हेतु किसानों के जमीन पर टॉवर व तार लगाया जा रहा है। मुआवजा राशि में विसंगति के कारण कंपनी को किसानो के विरोध का सामना भी करना पड़ा फिलहाल काम बंद है। किसान नेता सुनील साहू के नेतृत्व में किसानो ने कलेक्टर रोहित व्यास से मिलकर मुआवजा राशि में विसंगति, रकबा अंकित करने सहित समुचित मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। जिस पर कलेक्टर ने एसडीएम से जांच कराने का भरोसा दिलाया है। आपको बता दें कि ग्राम पासल में रेण नदी पर स्थापित हो रहे विद्युत परियोजना में हाइड्रो पॉवर कम्पनी द्वारा ग्राम पासल से विश्रामपुर तक दूरी 33 किलोमीटर में लगभग 134 टावर व तार किसानों के जमीन पर लगाए जा रहे हैं जिससे विद्युत शक्ति का प्रेषण होना है। जहां कम्पनी द्वारा शासन के गाइडलाइन अनुसार टॉवर एवं तार के नीचे घेरे गए स्थान का किसानों को मुआवजा दिया जाना है। कंपनी द्वारा मुआवजा सूची तहसील कार्यालय में जमा की गई जिसे किसानो को नहीं दी गई। किसानो ने तहसील कार्यालय से सूची निकाली तो पता चला कि भूमि का प्लाट नंबर व राशि तो लिखी गई है लेकिन प्रभावित रकबा का उल्लेख नहीं किया गया है जिससे सूची दोषपूर्ण व राशि में काफी विसंगति है। तहसील कार्यालय से किसानों ने मुआवजा सूची प्राप्त किया तब जाकर किसानो को पता चला कि जिसकी सूची किसानो को अभी तक नहीं मिला है। तो वहीं तार के नीचे के भूमि का बाजार भाव के 15 फीसदी के रूप में मुआवजा राशि का निर्धारण किया गया है लेकिन उस सूची में रकबा का कॉलम खाली है। फिर बड़ा सवाल यह है कि मुआवजा राशि का निर्धारण व गणना कैसे किया गया। यही कारण है कि प्रभावित किसान सूची को दोषपूर्ण बता रहे है। 1400 किसान प्रभावित, वहीं रकवे का उल्लेख नहीं है ग्राम पासल से विश्रामपुर तक विद्युत शक्ति प्रेषण होना है जहा 134 टावर के साथ तार लगाए जाने हैं जिसमे विकासखंड भैयाथान और सूरजपुर के लगभग 1400 किसान प्रभावित हैं जिनको टावर और तार के नीचे के भूमि का मुआवजा दिया जाना है। बताया जाता है कि कंपनी द्वारा टावर के उपयोग में आने वाली भूमि का बाजार भाव का 85 फीसदी राशि के रूप में मुआवजा दिया ग्राम सिरसी में 74 किसान प्रभावित हैं जिसमें एक किसान को ही मुआवजा राशि मिल सका है जिससे अन्य किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। वहीं मुआवजा सूची में किसानों के जमीन पर लगे पेड़-पौधों का कोई उल्लेख नहीं है। जबकि शासन के गाइड लाइन अनुसार पेड़ पौधों का भी मुआवजा राशि देने का प्रावधान है लेकिन मुआवजा सूची में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। बिजली टावर स्थापना के मुआवजा से संतुष्ट नहीं किसान :- प्रभावित किसानों का कहना है कि बिजली टावर स्थापना मे भुमि के बदले मुआवजे के रुप में जो राशि दी जा रही है उससे हम संतुष्ट नहीं हैं

किसानो का आरोप कभी नही हुआ सर्वेक्षण :- हाइड्रो पावर प्लांट या राजस्व विभाग द्वारा कभी सर्वेक्षण नहीं किया गया नहीं मुआवजा सूची के बारे में कभी गांव में सूचना भी नहीं दी गई। कम्पनी ने मुआवजा सूची तक किसानो को नहीं दी। बल्कि मनमानी तरीके से कम्पनी द्वारा बिना किसानों को मुआवजा राशि वितरण किए जबरन टॉवर व तार लगाया जा रहा था जिसका किसानों ने विरोध किया तब पुलिस से भी कई किसानों को डराने का भी प्रयास किया गया फिलहाल किसानो के विरोध के बाद कंपनी ने कार्य बंद कर दिया है। में तीन केटेगेरी के जमीन जैसे- सिंचित, असिंचित और सड़क किनारे जमीन का अलग-अलग मूल्य निर्धारित होता है। जिसका पालन मुआवजा सूची बनाते समय नहीं किया गया है इन्ही सब कारणों से किसानों का अहित हो रहा है। जिससे देख किसान नेता सुनील साहू के साथ देवमन काशी, निर्मल सिंह सहित कई किसान कलेक्टर कार्यालय जाने मजबूर हुए हैं। इस संबंध में भैयाथान एसडीएम सागर सिंह राज ने पत्रकारों को बताया कि टावर और तार से प्रभावित किसानो के भूमि का पुनः सर्वेक्षण कराया जाएगा ताकि किसानों का तनिक भी अहित न हो और किसानों के शंका को दूर करते हुए समुचित मुआवजा मिल सके।

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