एसईसीएल भटगांव मे कार्यरत ठेका मजदूरों का किया जा रहा है शोषण सरगुजा सासंद से शिकायत के बाद जगी न्याय की आस....

Jul 22, 2024 - 21:40
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एसईसीएल भटगांव क्षेत्र अंतर्गत कोयला खदानों में ठेका मजदूरों का लगातार महाप्रबंधक और ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है शोषण, जिस विषय को संज्ञान में ना लेकर जिम्मेदार जांच एजेंसियां और शासन प्रशासन बने हुए हैं मूक दर्शक - मोहन प्रताप सिंह....

एसईसीएल भटगांव कोयला खदानों में कार्यरत ठेका मजदूरों के वेतन सहित कई अधिकारों पर महाप्रबंधक और ठेकेदार संयुक्त रूप से डाल रहे है डाका....

हाई पावर कमेटी के द्वारा निर्धारित मजदूरी दर पर वेतन देने सहित अन्य 10 बिंदुओं पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के माध्यम से सरगुजा लोकसभा सांसद चिंतामणि महाराज को सोपा गया है ज्ञापन.... 

 कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क....

संवाददाता :- दीपक गुप्ता...✍️

सुरजपुर :- जिले के एसईसीएल भटगांव क्षेत्र अंतर्गत संचालित कोयला खदानों में ठेकेदार मजदूरों का खुलेआम शोषण किया जा रहा है जिन ठेकेदार मजदूरों का कोई सुनने वाला है और न हीं देखने वाला एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव के द्वारा मनमानी करते हुए मनमुताबिक ठेकेदारों के सहयोग से खुलेआम नियमों का धज्जियां उड़ाते हुए हैं मजदूरों का शोषण किया जा रहा है जहां कोल माइंस ड्राइवर कल्याण संघ सरगुजा छत्तीसगढ ठेकेदार मजदूरों के हितों के रक्षा के लगातार संघर्ष कर रहा है वही समाचार पत्रों में एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के महाप्रबंधक और उनके क्रिया कलाप को लेकर लगातार सुर्खिया बटोर रहे है लेकिन मजाल है कि संबंधित जांच एजेंसियां शासन प्रशासन इस ओर ध्यान आकर्षण करते हुए उचित कदम उठा पाए यहां तो मानो ऐसा लग रहा है की सभी तंत्र एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव के आगे नतमस्तक हो चुके हैं जिसको लेकर मोहन प्रताप सिंह के द्वारा छत्तीसगढ़ कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के माध्यम से सरगुजा लोकसभा सांसद चिंतामणि महाराज को ज्ञापन सौंपा गया है हाई पावर कमेटी के द्वारा निर्धारित वेतन दर पर नहीं दी जाती वेतन छत्तीसगढ़ राज्य के सूरजपुर जिले के अंतर्गत एसईसीएल कंपनी का कई कोयला खदान संचालित है जिसमें एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के कोयला खदानों में कार्यरत ठेका मजदूरों का वेतन जो हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित किया गया है उसके अनुसार वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित वेतन दर से काफी कम राशि मजदूर को दिया जा रहा है। मजदूरों के पीएफ कटौती पर भी घोटाला अधिकांश मजदूरों का पीएफ कटौती आज तक नहीं किया गया है जबकि हाई पावर कमेटी द्वारा प्रतिमाह पीएफ की कटौती करने का आदेश है इन सबके अलावा ठेकेदारों के द्वारा इन मजदूरों के खाते में वेतन का भुगतान ना करते हुए मजदूरों का वेतन मजदूरों के हाथ में ही या फिर अन्य खाता के माध्यम से दिया जा रहा है वह भी जिस प्रकार से ठेकेदारों का मन करता है उस प्रकार से मजदूरों का वेतन मनमानी तौर पर दिया जाता है। कंपनी या ठेकेदार स्वयं रहती है ठेका मजदूरों का एटीएम और पासबुक मजदूरों का बैंक पासबुक और एटीएम ठेकेदार अपने पास रखता है तथा उससे पैसे की निकासी ठकेदार स्वयं करता है। एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर से लेकर भटगांव प्रबंधक व अन्य अधिकारियों तक को ठेकेदारों द्वारा कमीशन देकर मामला को मैनेज कर लिया गया है।

 प्रतिमाह लाखों करोड़ों का हो रहा है फर्जीवाड़ा जहा जिम्मेदार दे रहे खुला संरक्षण :- प्रतिमाह लाखों करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा ठेकेदारी मजदूरों के वेतन सहित कई सुविधाओं में धोखाधड़ी इस क्षेत्र में किया जा रहा है जिसकी शिकायत स्थानीय कलेक्टर व अन्य प्रशासनिक टीम से करने पर भी कोई समाधान ना करते हुए इन प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा एसईसीएल प्रबंधन के पक्ष में बात किया जाता है। एसईसीएल प्रबंधन उन्हें भी मोटा कमीशन देकर इस मामले में शामिल कर लिया गया है।

गरीब मजदूरों का काफी लंबे समय से किया जा रहा है शोषण :- इस क्षेत्र के गरीब मजदूरों के साथ काम लेकर धोखाधड़ी व ठगी किया जा रहा है यह धोखाधड़ी काफी लंबे समय से किया जा रहा है। गरीब मजदूरों का शोषण करते हुए मजदूरों का वाजिब वेतन दर से कम वेतन भुगतान करते हुए कई सुविधाओं पर एसईसीएल प्रबंधन, कंपनी और ठेकेदारों द्वारा उनके साथ धोखा और ठगी किया जा रहा है। 

ये है प्रमुख मांगे :-एच.पी.सी. दर जो कि कोल इंड़िया द्वारा निर्धारित है उसके अनुसार वेतन मजदूरों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित समय सीमा तक मजदूरों से काम लिया जाना है जो 8 घंटे निर्धारित है जहां प्रबंधन द्वारा 24 घंटें व 12 घंटें काम लिया जा रहा है। प्रत्येक मजदूरों का वेतन को खाते में दिया जाना होता है जो खाते में न देकर मजदूरों के हाथ में दिया जाता है। प्रत्येक मजदूरों को मासिक वेतन पर्ची प्रदान करना होता है लेकिन प्रबंधन द्वारा किसी भी ठेका मजदूरों को वेतन पर्ची प्रदान नहीं किया जाता है। प्रत्येक मजदूरों को ई.पी.एफ. (कर्मचारी भविष्य निधि) प्रदान करना होता है प्रतिमाह जो आज तक नहीं दिया गया है। प्रत्येक मजदूरों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना होता है जबकि प्रबंधन ठेका मजदूरों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना उचित नहीं समझती। कंपनी में कार्यरत प्रत्येक मजदूरों को कंपनी द्वारा  पीएमई, वीटीसी  यानी बोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर का प्रमाण पत्र प्रशिक्षण दिलवाकर दिया जाना होता है जो प्रबंधन 80 प्रतिशत मजदूरों को पीएमई, वीटीसी कराए बिना ही काम ले रही है। प्रत्येक मजदूरों को वेतन मजदूरों के खाते में देना होता है लेकिन प्रबंधन मजदूरों का खाता अपने मन मुताबिक बैंक में खाता खुलवा कर पास बुक और ATM खुद अपने पास रखती है और उस खाते में एचपीसी दर पर पैसा जमा कर उस पैसा को खुद निकालकर मजदूरों को वेतन मजदूर के हाथ में देती है या फिर उनके अन्य खाते में जमा कर देता है मनमानी दर पर। मजदूरों को आपातकालीन स्थिति, साप्ताहिक अवकाश के साथ साथ वार्षिक छुट्टी नहीं दिया जाता है। मजदूरों को किसी भी प्रकार का मेडिकल सुविधा और इंश्योरेंस नहीं दिया जाता है। मजदूरों को वार्षिक बोनस प्रदान नहीं किया जाता है।

जब तक ठेकेदार मजदूरों को नहीं मिलेगा न्याय तब तक रहेगा संघर्ष जारी - मोहन प्रताप सिंह :-  एसईसीएल भटगांव क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत ठेकेदार मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं एसईसीएल कोल माइंस ड्राइवर कल्याण संघ के महासचिव मोहन प्रताप सिंह के द्वारा बताया गया कि मजदूरों के हितों के लिए लगातार कोल माइंस ड्राइवर कल्याण संघ सरगुजा छत्तीसगढ का संघर्ष जारी है और हमें आशा ही नहीं पूरी विश्वास है की आज नहीं तो कल इस लड़ाई में सफलता प्राप्त होगी क्योंकि सत्य की जीत इतनी आसानी से नहीं होती उसके नीचे उस सत्य को झूठ साबित करने के लिए सैकड़ो लोग लगे हुए होते है ।

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