पुसौर गैंगरेप मामले में राजनीति क्यो....?
रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लाक के एक गांव में कुछ दिनों पूर्व दिल दहला देने वाली घटना घटित हुई जिसमें एक युवती के साथ लगभग दर्जनों लोगो ने सामुहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में रायगढ़ की पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 24 घंटे के अंदर ही सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे डाल दिया है। लेकिन अब रायगढ़ में कुछ महीने बाद नगर निगम चुनाव सामने है इस लिहाज से अगर राजनीति करने वाले लोगो के लिए यह सबसे बड़ा मौका है अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का।
लेकिन इस के बावजूद अब इस मामले को लेकर रायगढ़ में राजनीति शुरू हो गई है हम मानते है कि यह घटना बेहद ही शर्मनाक है यह घटना हमारे जिले को कलंकित कर रही है।
रायगढ़ में भाजपा विधायक एवं वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपना पक्ष रखने के लिए प्रेसवार्ता बुलाई लेकिन प्रेसवार्ता में सिर्फ अपना पक्ष ही रखें और चलते बने। क्या वित्त मंत्री ओपी चौधरी जी को यह डर सता रहा था कि कोई कुछ गंभीर सवाल न पुछले..? वही उसी दिन खरसिया कांग्रेस विधायक उमेश पटेल पीड़ित परिवार से मिलने पहुचे और परिवार वालों को दुख की घड़ी में ढांढस बढ़ाया। लेकिन उसके दूसरे ही दिन कांग्रेस काली पट्टी बांधकर मौन जुलूस निकाली लेकिन सबसे बड़ी बात यह देखने को मिली कि उमेश पटेल जी फोटो खिंचवाने के बाद मौन रैली को बीच रास्ते मे ही छोड़ नौ दो ग्यारह हो गए।
कही ऐसा तो नही की हम लोग इस पीड़ित परिवार को ऐसा करके और पीड़ित कर रहे है क्योंकि हर वह परिवार जिसके साथ ऐसी घिनौनी वारदात होती है वह इन बातों को भूलना चाहता है लेकिन हम उस मामले में राजनीति करके उस परिवार को कही और पीड़ित तो नही कर रहे है।
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