पुत्र प्राप्ति एवं उनकी लंबी आयु के लिए माताओं ने रखी हलषष्ठी व्रत
आशुतोष गुप्ता सीपत
सीपत-- पुत्र के कामना एवं उनकी दीर्घाऊ के लिए माताओं ने व्रत रखकर हलषष्ठी देवी की पूजा अर्चना की l सुबह से महिलाओं ने हलषष्ठी व्रत की पूजा सामान इकट्ठा कर भक्ति भाव से भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी की भी पूजा विधि विधान के साथ किया l सीपत के विभिन्न मंदिरो चौराहा एवम घरों में जन्माष्टमी की एक दिन पूर्व हलषष्ठि व्रत की पूजा विधि विधान से की गई l इस व्रत में पसहर चावल का भोग,भैंस की दूध दही घी,काम सिंदूर से पूजाकर,बनावटी तालाब बनाकर उसमें बाटी भौरा नाव चूकिया चढ़ाकर अपनी अपनी मनोकामना प्रकट की l पूजा और कथा के बाद अपने अपने संतान के पीठ पर पोता मारकर मां हलषष्ठी से उनकी लंबी आयु की कामना की l कथा में भगवान श्री कृष्णा जी राजा धर्मराज युधिष्ठिर जी को इस कथा का विधान फल कथा बताते हैं तथा कंस के कारागार में नारद मुनि जी देवकी को हल्का सी माता का व्रत का विधि विधान व फल बताते हैं l जिसके फल स्वरुप छै पुत्र के जाने के बाद देवकी वासुदेव जी को भगवान श्री कृष्ण जी पुत्र के रूप में प्राप्त हुए l इस व्रत को कमरछठ व्रत के नाम से भी जाना जाता है
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