विजेताओं को घोषणा की राशी मिलेगी या नही...?
क्या घोषणा करते समय कोई नियम बताए गए थे....?
आज तक मेने ऐसा कोई आयोजन नही देखा जिसमे इनाम की घोषणा करने के बाद जब इनाम देने की बारी आए तो उस पर मोलभाव किया जाए, लेकिन यह रायगढ़ है अब धीरे धीरे सब दिख रहा है।
बिलासपुर में जन्माष्टमी का मेला देश विदेश में ख्याति अर्जित कर चुकी है लेकिन बिलासपुर के लोगो को भरे मंच से अपनी वाहवाही करवाने की आदत के कारण कभी कभी ऐसी घोषणा कर जाते है जिसे की बाद में उसे जब पूरा करने की बात आती है तो वाहवाही लूटने वाले अपनी घोषणा में इस तरह की काटछांट कर पेश करते है जिससे उनको घोषणा की रकम देनी ही न पड़े....।
अब इन सब मे एक बात यह भी है कि उस स्थान पर मौजूद व्यक्ति घोषणा की राशी को सुनते ही अती उत्साहित हो जाते है और उस जुनून में वे उस घोषणा हुई राशी को लेने के लिए जी जान एक करके उस नामुमकिन लक्ष्य को पूरा भी कर लेते है लेकिन लक्ष्य पूरा होने के बाद घोषणा की हुई राशी के लिए दर दर भटकना पड़ता है।
बहरहाल एक बात तो स्पष्ट है कि जब कुछ देने की नीयत ना हो तो जनता की ऐसे दानवीरों से एक गुजारिश है कि ऐसे मनमोहक दिखावटी घोषणा ना करें..। क्योंकि उन युवाओं में आपकी छबी एक अच्छे व्यक्ति के रूप में होती है लेकिन जब उनके साथ ऐसे छलावा होता है तो उनका भरोसा टूट जाता है।
हमारे बिलासपुर की जनता बड़ी भोली है साहब जो झूठ को भी सही मान लेती है, और आपको अपने पलको पर बैठा लेती है....।
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