निजी स्कूल संचालक अपनी निजी लाभ कमाने में मस्त
सारंगढ़ सरसीवां । हम बात कर रहे हैं बिलाईगढ़ विकासखण्ड अतं. आने वाले निजी स्कूलों की जहां बिलाईगढ़ ब्लाक में बहुत सारे कई ऐसे हैं जहां निजी स्कूल संचालित हो रही है । जहां संचालित निजी स्कूलों के पास खुद का अपना भवन तक नहीं है । जहां निजीस्कूल किराये के भवन में संचालित करते है जहां स्कूलों में पढने वाले छात्र छात्राओं के लिये बैठने का ढंग से कमरा तक नहीं है । न ही छात्र छात्राओं के लिए शौचालय की व्यवस्था है । स्कूलों में कोई भी सुविधायुक्त भवन नहीं है । निजी स्कूलों में छात्र छात्राओं के लिए खेल मैदान तक नहीं है । सरसीवां क्षेत्रों में आज गांव गांव में निजी स्कूल संचालित करने वाले संचालकों की बाड़ सी आ गई है , जहां निजी स्कूल संचालित करने वाले शिक्षा को व्यापार बनाकर स्कूल संचालित करने में मस्त हैं ।
सरसीवां क्षेत्र के आसपास गांवों में हर साल नये नये निजी स्कूल खुले जा रहे है ।जिसको शिक्षा विभाग से आसानी से मान्यता दे दी जाती है । लगता है जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निजी स्कूलों को बिना जांचें परखें देखें बैगर ही मान्यताऐ दी जाती है। जबकि सरसीवां क्षेत्र के निजी स्कूल संचालक द्वारा छात्र छात्राओं के माता - पिता को सभी प्रकार की सुविधाएं देने की बात करते हैं जबकि - कई ऐसे निजी स्कूल है जहां स्कूलों में पड़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए बैठने तक की व्यवस्था नहीं होती है । कई निजी स्कूल तो खंडहरनुमा पुराने मकान में चलता है । सरसीवां क्षेत्रों में निजी स्कूलों की संख्या कम से कम 25,,से 30, होगी जहां अधिकांश निजी स्कूलों के पास सुविधाएं वाले भवन तक नहीं है । जहां बच्चों को जमीन में बैठकर असुविधाओं के बीच पढ़ना होता है ।
आज सरसीवां क्षेत्र के कई ऐसे निजी स्कूल संचालन होता है जो अपने निजी स्वार्थ और अपनी निजी फायदे के लिए स्कूल खोल कर शिक्षा का व्यापार बना डालें है । सरसीवां क्षेत्र में कई ऐसे निजी स्कूल है जो घर परिवार में रहने वाले लोगों के बीच अपना निजी स्कूल संचालित करते हैं और निजी स्कूल संचालित करने वाले संचालक द्वारा घर परिवार के बीचों बीच आंगन को छात्र छात्राओं के लिए खेल मैदान बना डाले है जबकि ऐसे घर- परिवार के बीच चलने वाले निजी स्कूल को जिला सारंगढ़ बिलाईगढ जिले के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूल संचालित करने का मान्यता प्रदान किया गया है ।आज हमारे नवगठित जिला सारंगढ़ बिलाईगढ जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को एैसे असुविधाओं के बीच संचालित होने वाले निजी स्कूलों की मान्यताएं रद्द कर देनी चाहिए ।जो निजी स्कूल अपने चंद फायदे के लिए छात्र छात्राओं के शिक्षा के प्रति खिलवाड़ कर अपना शिक्षा को व्यापार बना कर निजी लाभ अर्जीत करने में तुले हुए हैं ।
कई ऐसे निजी स्कूल है जहां बच्चों को प्रार्थना करने के लिये जगह नहीं जहां सड़क किनारे स्कूल होने से बाहर बच्चों को खड़ा कर राष्ट्रगान कर प्रार्थना कराया जाता है । सरसीवां क्षेत्रों में कई निजी स्कूल संचालित करने वाले संचालक राजनीतिक दलों का धौंस जमा कर अपना स्कूल चलाने मस्त हैं और स्कूलों को शिक्षा का व्यापार बना कर अपना वाहवाही बटोरी में लगे हैं । जहां सारंगढ़ बिलाईगढ जिले के शिक्षा अधिकारी से निजी स्कूल अव्यवस्थित ढंग से संचालित संबंधित जानकारी लेने पर बताया कि स्कूलों की शिकायत होने पर कार्यवाही करने की बात कही गई जहां कोई स्कूल की शिकायत करेगा तभी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निजी स्कूलों पर कार्यवाही होगी सोचने वाली बात है ।
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