क्या रायगढ़ में अपने अवैध कारोबार को बचाने बनते है पत्रकार...?
पत्रकार आखिर कौन ...?
क्या जो चापलूसी करेगा वही पत्रकार है....?
रायगढ़ पत्रकार जगत में इन दिनों वर्चस्व का खेल जारी है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि आखिर पत्रकार कौन है क्या पत्रकार बनने का जो मापदण्ड बनाया गया है उसमें कितने लोग पात्र है अगर रायगढ़ के पत्रकारों के मापदण्ड को ध्यान में रखकर सभी की एजुकेशन की बात करें तो कुछ ही लोग ऐसे है जो पत्रकार बनने के लिए पात्र होंगें लेकिन हालात यह है कि रायगढ़ के हर घर मे एक पत्रकार बनकर बैठे है ।
कोई अपना व्यापार बचाने के लिए पत्रकार बने है तो कोई पत्रकारिता की आड़ में अवैध कारोबार को अंजाम देने के लिए लेकिन शायद रायगढ़ के प्रतिष्ठित पत्रकारों को यह ज्ञात नही की रायगढ़ में आज जो पत्रकारों की दुर्दशा है यह सिर्फ एक उदाहरण है अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नही जिस दिन पत्रकारों को दो कौड़ी का समझा जाएगा।
वही अगर पत्रकारिता में देखा जाए तो इसमें भी कई छपास लोग भरे पड़े है जो हमेशा अपने आप को ही सर्व ज्ञानी समझने की भूल करते रहते है लेकिन शायद लोग भूल जाते है कि यह जीवन हर परिस्थिति में कुछ नया सिखाता ही है। और जब भी रायगढ़ में कोई विवाद की स्थिति होती है तब सब को फोन कर कर के बुलाया भी जाता है लेकिन सबसे बड़ी बात यही है कि हमेशा एकजुट होकर रहना चाहिए क्योंकि अकेले चलने वाले शेर का शिकार भी भेड़िए कर लिया करते है।
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