बुनियादी सुविधाओं की उपेक्षा के खिलाफ नगरवासियों ने किया नगर पंचायत का घेराव
अध्यक्ष एवं पार्षद भी बैठे आंदोलन के समर्थन में, घण्टो चली नारेबाजी
घरघोड़ा: नगर पंचायत घरघोड़ा में नागरिकों ने लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी के खिलाफ एकजुट होकर एक प्रभावशाली आंदोलन किया। आज आम नागरिकों ने पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी और पार्षदों के साथ सैकड़ों नागरिकों ने तालाबंदी की और अपनी समस्याओं को उजागर करते हुए नारेबाजी की।
मुख्य समस्याएं: सड़कें, बिजली, पानी और सफाई
आंदोलन के दौरान, नागरिकों ने सड़कों की जर्जर हालत, बिजली कटौती, पेयजल आपूर्ति में बाधा और सफाई व्यवस्था की खराब हालत की ओर ध्यान आकर्षित किया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि कई वार्डों में बोरवेल खराब हैं, जिससे पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हमें पानी के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ता है और कई बार हमें लंबा इंतज़ार करना पड़ता है।"
सड़कें भी खस्ता हालत में हैं, जिससे विशेष रूप से बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है। नागरिकों ने कहा कि अंधेरे में चलने में कठिनाई होती है, क्योंकि स्ट्रीट लाइट्स महीनों से खराब पड़ी हैं। इसके अलावा, नगर में कचरे का उचित उठाव न होने के कारण गंदगी का आलम है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं।
लालफीताशाही हावी : ठप्प पड़ी योजनाएं, रुका विकास
प्रदर्शन के दौरान नागरिकों ने यह भी बताया कि नगर में चल रही कई जनहितकारी योजनाएं लालफीताशाही के कारण रुक गई हैं। योजनाओं का लाभ नागरिकों तक नहीं पहुँच रहा है, जिससे उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से सवाल किया कि "जब योजनाएं हैं, तो फिर हमें उनका लाभ क्यों नहीं मिल रहा?"
अध्यक्ष और पार्षदों का आक्रोश: जनहित की अनदेखी बर्दाश्त नहीं
नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने कहा, "हमने बार-बार प्रशासन को अपनी समस्याओं के बारे में बताया है, लेकिन हमारी आवाज़ अनसुनी की गई है। अब जनता के हितों की अनदेखी और सहन नहीं की जाएगी।" पार्षदों ने भी इस बात को साझा किया कि प्रशासन की लापरवाही ने नागरिकों के जीवन को कठिन बना दिया है। एक पार्षद ने कहा, "हम नागरिकों के साथ हैं और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे।"
सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे नगरवासी
इस आंदोलन में सैकड़ों नागरिक शामिल हुए, जिन्होंने एकजुट होकर अपनी समस्याओं को उजागर किया। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, "हमारी समस्याएं गंभीर हैं। स्ट्रीट लाइट्स बंद हैं, पानी की किल्लत है और सफाई व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है। यह आंदोलन हमारी आवाज़ है और हमें इसे आगे बढ़ाना होगा।"
युवाओं ने भी इस आंदोलन में सक्रियता दिखाई, और उन्होंने नगर पंचायत के सीएमओ को बीजेपी का गमछा भेंट कर एक प्रतीकात्मक संदेश भेजा कि अब बर्दाश्त नहीं होगा। यह युवा वर्ग इस मुद्दे पर जागरूक और संगठित हो रहा है, जो भविष्य में और भी बड़े आंदोलनों की तैयारी कर रहा है।
प्रशासन का आश्वासन ! सुधरेगी स्थिति ??
घंटों चले आंदोलन के बाद, स्थानीय अधिकारियों ने स्थिति का संज्ञान लिया। तहसीलदार की उपस्थिति में, सीएमओ ने सभी समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, "हम आपकी समस्याओं को गंभीरता से लेंगे और जल्द से जल्द हल करने का प्रयास करेंगे।"
हालांकि, नागरिकों ने प्रशासन के इस आश्वासन को संदेह के साथ लिया और कहा कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे अपने आंदोलन को और तेज़ करेंगे। नगरवासियों ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए एकजुट होकर लड़ाई जारी रखेंगे और किसी भी प्रकार की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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