ख़ुशी पर तो हर कोई साथ होता है पर दुःख में अपना सगा भी साथ छोड़ देता है ...जिंदगी एक दर्द है ...
जिंदगी एक दर्द है ...
छत्रराम यादव ने कहा बड़ा भाई कहता है तोर भोगना ल भोग मैं का करहां
सारंगढ़ । कोसीर मुख्यालय से महज दो किलो मीटर दूर कुम्हारी गांव की मामला है एक युवक जो महज 30 वर्ष का है पिछले 1 वर्ष से बीमार है उसे अपनों ने भी सुध नहीं लिया और वह आज दर्द से जूझ रहा है । उसकी दैनीय स्थिति ठीक नहीं है वह मधुमेह से पीड़ित है अब बहुत कमजोर है खाट पे बैठा रहता है वह चलना फिरना चाहता है पर अब उसके हाथ पैर नहीं चल पाते वह जीना चाहता है पर इलाज के लिए उसके पास रुपये नहीं है ।पहले वह अपने परिवार के लिए बहुत कुछ किया पर अब उसके साथ उसका कोई नहीं है वह इलाज के लिए अब गुहार लगा रहा है । कुम्हारी गांव के निचली बस्ती में उसका घर है आज सुबह गांव के युवा हस्ताक्षर किशोर चन्द्रा और गांव के उप सरपंच श्रीमती गीता चन्द्रा उनके घर पहुंचे हुए थे और उन्हें सुबह का नास्ता कराए साथ ही साथ उनकी इलाज के लिए उन्हें सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए कोशिश में लगे हैं । बीमार छतराम यादव गरीब परिवार से वह अभी जीना चाहता है पर आज उसके पास इलाज के लिए रुपये नहीं है वह लोगों से और सरकार से इलाज के लिए गुहार लगा रहा है । उनके परिवार में वह भी कमाने वाला था पर आज बीमार के कारण परेशान हैं ।उसे अपने सगे लोगों से भी सहयोग नहीं मिल पा रहा है और उसकी इलाज की आज जरूरत है । वह भी पिछले एक वर्ष से बीमारी से जूझ रहा है । आखिर छत्रराम यादव का अब कौन बनेगा सहारा ।
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