बाघ के दहशत से सहमें ग्रामीण अब तक 17 मवेशियों को उतारा मौत के घाट...

Dec 3, 2024 - 14:40
 0  49

कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क....

 संवाददाता :- दीपक गुप्ता....✍️

 सूरजपुर :- सूरजपुर और कोरिया जिले से लगे गुरु घासीदास नेशनल पार्क से पहुंचे बाघ ने पिछले पांच दिन में तीन मवेशियों का शिकार किया है। इससे नेशनल न पार्क से लगे 13 गांवों में दहशत हैं। आलम यह है कि इलाके के लोग शाम साढ़े 5 बजे के बाद घरों में कैद हो जा रहे हैं। अगर किसी काम से निकलना भी पड़ रहा है तो वे अपने साथ कुल्हाड़ी लेकर निकल रहे हैं। 29 नवंबर की शाम बाघ सूरजपुर के बड़सरा गांव के बस्ती में पहुंच गया था। बाघ ने एक गाय को दबोच भी लिया, लेकिन लोगों के चिल्लाने और पत्थर फेंकने के बाद किसी तरह से बाघ वहां से भाग गया। घटना के बाद रात को गांव के ही बरगाह पारा में बाघ के पंजे के चिन्ह भी मिले। गांव के लोग डरे-सहमे हैं। सबसे ज्यादा डर उन लोगों को है, जो अपने घरों के सामने मवेशियों को बांधते हैं। इससे पहले भी बाघ ने बड़सरा के साथ पड़ोसी जिला कोरिया के टेमरी जंगलों में 14 मवेशियों का शिकार किया है। इसी दौरान वन विभाग के कर्मियों ने जंगल में कैमरा लगाकर बाघ को ट्रेस किया, फिर जंगल से कैमरे निकाल लिए। सूरजपुर वन विभाग के मुताबिक बाघ कोरिया जिले के जंगलों में घूम रहा है। हालांकि वन कर्मी अभी बाघ का लोकेशन बताने से बच रहे हैं। उन्हें डर है कि लोकेशन बताने के बाद स्थानीय लोगों के साथ मिलकर शिकारी बाघ का शिकार कर लेंगे। जिले के गोबिंदगढ़ में भी बाघ के आने की सूचना है सावांरावां के साथ खाड़ापारा, बड़सरा, धरसेड़ी के साथ पास के गांवों में भी मवेशियों की शिकार की सूचना के बाद लोग डरे हुए हैं। इसके साथ ही कोरिया जिले के टेमरी, पाण्डवपारा और खोड़ के साथ आसपास के गांवों में लोग शाम होने के बाद घरों से नहीं निकल रहे हैं। आपको बता दें कि सूरजपुर जिले के ग्राम पंचायत धरसेड़ी के बिरसा पारा के रहने वाले हीरामन पंडो का घर जंगल से लगा हुआ है। मवेशी भी बांधने की जगह यहीं है। 30 नवंबर को शाम ढलते ही करीब 7.30 बजे बाघ ने उनकी गाय का शिकार कर लिया। गाय पर हमला कर बाघ ने पहले गर्दन दबोची, फिर जंगल की तरफ ले गया और शरीर के आधे हिस्से को खा गया। दूसरे दिन गाय का आधा शव जंगल से कुछ ही दूरी पर मिला। करीब दो महीने से अलग-अलग इलाके में घूम रहे बाघ ने अब तक 17 मवेशियों का शिकार किया है। करीब एक सप्ताह पहले सूरजपुर वन विभाग की टीम ने बाघ के लोकेशन के लिए ड्रोन का भी सहारा लिया था, लेकिन इससे कुछ पता नहीं चला। अभी भी उसकी लोकेशन ट्रैस करने वन कर्मी जुटे हैं। बताया गया कि सूरजपुर से ओड़गी, बिहारपुर समेत सभी इलाकों के जंगलों में तेंदुआ की संख्या भी अधिक है। वन अधिकारी यह भी पता लगाने में जुटे हैं कि अभी बड़सरा और बसकर इलाके में कहीं तेंदुआ तो मवेशियों का शिकार नहीं कर रहा है।

बाघ पकड़ने पिंजरा लाने की तैयारी में कोरिया वन विभाग :- बाघ के मूवमेंट के बाद कोरिया वन विभाग ने बाघ पकड़ने पिंजरा लाने की तैयारी में है। इसके साथ टेमरी, पाण्डवपारा के साथ खोड़ वाले इलाके में लगातार बाघ से बचने की मुनादी भी करा रहे हैं। कोरिया वन विभाग की टीम ने ही बाघ को ट्रेस किया था। इधर, सूरजपुर वन विभाग की टीम फोन पर ही लोगों को सूचना देकर निश्चिंत है। इस संबंध में वन विभाग के डीएफओ पंकज कमल ने बताया कि बाघ को ट्रैस करने में जुटे हैं तथा मुआवजा प्रकरण बना रहे है वास्तविक लोकेशन नहीं दे सकते, यह गाइड लाइन में है। एक महीने पहले बाघ ने जिन मवेशियों का शिकार किया था, उनका मुआवजा नहीं मिलने की बात पर कहा कि ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना नहीं दी होगी। हम लोगों को जहां-जहां पता चलता है, वहां मुआवजा प्रकरण बनाते हैं। लगभग सभी मृत मवेशियों का मुआवजा प्रकरण तैयार हो गया है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow