पुसौर में अवैध धान पर कार्यवाही भाजपा नेता का नाम आ रहा सामने....?

Dec 4, 2024 - 22:40
Dec 4, 2024 - 22:41
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पुसौर में अवैध धान पर कार्यवाही भाजपा नेता का नाम आ रहा सामने....?

अवैध धान के मामले में भाजपा नेता जा रहे ओपी चौधरी की शरण मे....?

रायगढ़ जिला उड़ीसा राज्य की सीमा से जुड़ा हुआ है ऐसे में उड़ीसा की धान रायगढ़ जिले में भारी मात्रा में खपाया जाता है और यह धान मंडी अध्यक्ष की जानकारी या कहे सहमति से खरीदी होता है। 

आज रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लाक के बड़े हल्दी गांव में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब अवैध धान के खरीदी कर भंडारण की सूचना खाद्य अधिकारी को मिली इस पर तत्काल एक टीम बनाकर चूड़ामडी सिदार के साथ बड़े हल्दी के लिए रवाना किया गया और साथ मे पुसौर तहसीलदार को भी इस बात की सूचना दी और बिना समय गवाए बड़े हल्दी पहुचे लेकिन जब गांव में टीम पहुची तो देखा कि मनेश साव के मकान में योगेश साव का 124 बोरा धान मौजूद था, और चैन सिंह पटेल के मकान से 476 बोरा धान मौके पर पाया गया । टीम ने 600 बोरा धान को जप्त किया। 

चैन सिंह पटेल की माने तो इस धान को वह किसी दूसरे जगह से खरीद कर रखा था और योगेश की माने तो यह धान उसका ही है लेकिन धान के संबंध में उचित दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया जिसके कारण टीम ने कुल 600 बोरा धान जप्त कर आगे की कार्यवाही पर जुट गई है।

खाद्य विभाग के अधिकारी चूड़ामडी सिदार से मिली सूचना के आधार पर टीम ने चैन सिंह पटेल और योगेश साव को आरोपी बनाया है। 

इस पूरे घटना में सबसे चौकाने वाली बात यह है कि भाजपा नेता मुक्तेश्वर पंडा सामने ही थे अब हम यह भी बताना चाहते है मुक्तेश्वर पंडा बड़े हल्दी मंडी के अध्यक्ष है और ऐसा हो ही नही सकता कि बिना मंडी अध्यक्ष की सहमति के बाहरी धान को खरीदा जा सके और जब छापामार कार्यवाही की गई उस समय भी उनकी मौजूदगी कुछ समझ से परे है।

सूत्रों की माने तो अवैध धान के जप्ती की कार्यवाही होने के बाद रात्रि रायगढ़ विधायक एवं वित्त मंत्री ओपी चौधरी जी का कार्यक्रम मिडमिडा में था तो गांव के भाजपा नेता इस प्रकरण पर चर्चा करने जाने वाले थे यह हल्ला पूरे गांव में था लेकिन समाचार लिखे जाने तक इस बात की पुष्टि नही हो पाई है कि ओपी चौधरी जी इस मामले में क्या बोल रहे है। बाहरहाल अब देखना यह है कि इस मामले में भाजपा के ही कुछ नेताओं का नाम सामने आ रहा है ऐसे में ओपी चौधरी जी इस मामले में क्या संज्ञान लेते है....? या फिर अवैध धान की खरीद कर शासन के राजस्व में चुना लगाने वाले चंद स्वार्थी लोगो को बचाते है। क्योंकि अगर ऐसे लोगो पर कार्यवाही नही की गई तो अवैध धान की खरीद फरोख्त पर अंकुश नही लगाया जा सकता ।

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