NIA की बड़ी कार्रवाई! नक्सलियों को फंडिंग करने वाला MBM का नेता गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ : राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने छत्तीसगढ़ आतंकी फंडिंग मामले में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) आतंकी संगठन से जुड़े एक फ्रंटल संगठन के शीर्ष नेता को गिरफ्तार किया है।
प्रतिबंधित मूलवासी बचाओ मंच के नेता रघु मिडियामी को एनआईए ने टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। मूलवासी बचाओ मंच पर पिछले साल छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रतिबंध लगया था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पहले नवंबर 2023 में बीजापुर में इसी मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था और आरोप पत्र दायर किया था।
पुलिस ने दोनों के पास से 6 लाख रुपए नकद बरामद किए थे। जिनकी पहचान मूलवासी बचाओ मंच के सदस्यों के रूप में की गई थी। बाद की जांच से पता चला कि रघु मिडियामी भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सीपीआई (माओवादी) संगठन के लिए धन के संग्रह, भंडारण और वितरण में लगा हुआ है।
दो हार्डकोर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण.....
वहीं राजनांदगांव में नक्सल विरोधी अभियान के तहत गढ़चिरौली पुलिस ने कई घटनाओं में शामिल 18 लाख इनाम के दो हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस व सीआरपीएफ के सामने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर करने वालों में एक डीवीसीएम व एक पार्टी सदस्य रैंक के नक्सली थे।
पुलिस के अनुसार दो कट्टर नक्सली कांता उर्फ मंडी गलू पल्लो (डीवीसीएम, सप्लाई टीम) (56), निवासी गुडांजुर जिला गढ़चिरौली और सुरेश उर्फ वारलू इरपा मज्जी (पार्टी)। सदस्य भामरागढ़ (एलओएस) (30) निवासी मिलादापल्ली जिला गढ़चिरौली ने पुलिस और सीआरपीएफ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
नक्सलियों को करता था फंडिग......
यही नहीं रघु मिडियामी छत्तीसगढ़, झारखंड समेत तेलंगाना राज्यों में आंदोलनों को भी अंजाम देता था। एनआईए के अनुसार, बीजापुर निवासी रघु मिडियामी प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन से जुड़ा हुआ है, जो बस्तर में मूलवासी बचाओ मंच चलाता है। रघु मियामी मंच की आड़ में नक्सलियों को फंडिंग करता है। एनआईए की टीम को जांच के दौरान ट्रांजेक्शन का पुख्ता सबूत मिला है। इसके बाद ही युवक को गिरफ्तार किया गया।
कैंप का कर रहा था विरोध.....
Naxal Leader Arrested: बता दें कि NIA की टीम ने रघु मीडियामी औक दंतेवाड़ा से गिरफ्तार किया। इसके बाद NIA की स्पेशल कोर्ट जगदलपुर में पेश किया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि रघु का मंच भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए नक्सलियों के लिए पैसा इकट्ठा करना, भंडारण और वितरण का काम करता है। वह बस्तर में विरोध, प्रदर्शन और धरना के लिए लोगों को इकट्ठा करता है। वह लगातार सिलगेर में खुले कैंप का भी विरोध कर रहा था।
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