वन अभ्यारण्य क्षेत्र मे बाघ की धमक लोग दहशत में...

Oct 23, 2024 - 12:32
Oct 23, 2024 - 12:34
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टेंमरी के जंगलों में किया था गाय और भैंस का शिकार, ओड़गी में भी मिले थे पंजों के निशान बाघ आया दो जिले के 20 गांव दहशत में...

कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क...

संवाददाता :- दीपक गुप्ता....✍️

 सूरजपुर / बैकुंठपुर :- कोरिया जिले के वन परिक्षेत्र बैकुंठपुर व सूरजपुर जिले के तमोर पिंगला से लगे ओड़गी में बीते 20 दिनों से अलग-अलग इलाकों में मिल रहे बाघ के पंजों के निशान मिल रहे है। वहीं, रविवार को टेंगरी के जंगल में एक भैंस को मारने के बाद नर बाघ होने की पुष्टि हो गई है। यही बाघ पिछले दिनों ओड़गी में 17 बकरियों का शिकार किया था, लेकिन तब बाघ ने ही शिकार किया है, इसकी पुष्टि नहीं हुई थी। 18 अक्टूबर को बाघ ने मवेशियों का शिकार किया, जिसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को मिलने के बाद शिकार वाले स्थान पर कैमरा लगा दिया था। 21 अक्टूबर को सीसीटीवी में शिकार के लिए गए बाघ के नजर आने के बाद पुष्टि हुई सूरजपुर जिले के बड़सरा के रहने वाले रामकुमार यादव परिवार टेंमरी के जंगलों में रहकर अपने मवेशियों को चराते हैं और मवेशियों को वहीं रखते हैं। 19 अक्टूबर की रात को बाघ ने एक गाय और एक भैंस का अलग-अलग जगहों पर शिकार किया। गाय और भैंस को आधा अधूरा खाया और वापस जंगल के भीतर चला गया। जब दूसरे दिन रामकुमार को लगा कि उसके भैंस का शिकार किसी बड़े जानवर ने किया है तो उसने घटना की सूचना वन विभाग को दी। मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची और शिकार करने के तरीके को देखकर किसी बड़े जानवर की आशंका पर भैंस के शव को वहीं उसी हालत में छोड़ दिया और वहां सीसीटीवी कैमरा लगा दिए। जिस जगह पर बाघ ने गाय का शिकार किया था वहां भी सीसीटीवी कैमरा लगाए गए। 20 अक्टूबर को जिस जगह पर बाघ ने भैंस का शिकार किया था वहां वह फिर से 8 बजे सुबह लौटा और करीब दो घंटों तक भैंस के मांस को खाता रहा, इसके बाद फिर से जंगल के भीतर चला गया।

बाघ ने एक गाय और एक भैंस का किया शिकार :- विगत 18 अक्टूबर से क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट देखा जा रहा था, क्योंकि इस दौरान बाघ ने जंगल में एक गाय और एक भैंस का शिकार किया था। वनकर्मियों ने बाघ के पंजे के निशान की जांच की। जिसके के बाद बाघ के द्वारा गाय और भैंस के शिकार वाले स्थान पर कैमरा इंस्टाल किया। 21 अक्टूबर को जैसे की बाघ अपने शिकार किए मवेशी को आहार बनाने पहुंचा, तो कैमरे में कैद हो गया।

बाघ की मूवमेंट पहली बार ट्रैस :- टेमरी, सोरगा समेत खोंड़ समेत आसपास का क्षेत्र में घना जंगल हैं। यहां बाघ समेत अन्य वन्यप्राणियों को मूवमेंट होता रहता हैं। हालांकि बाघ के मूवमेंट को पहली बार टेमरी के जंगल में ट्रेस किया गया हैं। इससे पहले बाघ इस रास्ते से विचरण करते हुए गुरु घासीदास नेशनल पार्क और प्रस्तावित टाईगर रिजर्व वाले क्षेत्र में चले जाते हैं। पहली बार मवेशियों को शिकार करने की वजह से बाघ को इस जंगल में ट्रेस किया गया है। इस संबंध में वन विभाग बैकुंठपुर के एसडीओ अखिलेश मिश्रा ने कहा कि ग्रामीणों को घरों में ही रहने समझाइश दी जा रही है ।

जहां भैंस का शिकार किया था, वहां फिर से पहुंचा बाघ :- बताया जाता है कि बाघ ने जिस स्थान से भैंस का शिकार किया या वहां पर फिर से आ पहुंच गया था

तमोर पिंगला अभ्यारण्य से आया बाघ :- वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जंगल व रिहायशी इलाके मे प्रवेश किये बाघ तमोर पिंगला अभ्यारण्य से आये हैं सीसीटीवी में बाघ की मूवमेंट कैद होने के बाद सूरजपुर जिले के ओड़गी, , धरसेड़ी, गोबिंदगढ़ के साथ कोरिया से लगे गांव टेमरी, टेंगनी , खोड़, बड़सरा सहित 20 गांवों के लोगों मे दहशत है। लोग अपने मवेशियों को घरों के भीतर बांध रहे हैं। ताकि अगर इलाके में बाघ आता भी है तो उन्हें नुकसान न पहुंचा सके। सीसीटीवी कैमरा लगे होने से बाघ कैमरे में कैद हो गया। वन कर्मियों ने बताया कि पंजे के आकार और उसकी चाल देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ नर है और वह तमोर पिंगला अभ्यारण्य से आया है। वहीं वन विभाग की रेंजर श्रद्धा पैकरा ने बताया कि तमोर पिंगला से विचरण करते हुए बाघ जंगल के रास्ते यहां पहुंचा है। 19 अक्टूबर से टेमरी के समीप जंगल में ही बाघ विचरण कर रहा है। विभाग की टीम आसपास के गांव में मुनादी करा रही है और सबको सतर्क रहने के साथ साथ शाम को घरों में ही रहने की समझाइश दी जा रही है। हमारी टीम बाघ पर नजर बनाई हुई है ।

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