विधानसभा में सरकार के नीति, नियत और मंशा पर जमकर गरजे विधायक उमेश पटेल

Mar 8, 2025 - 19:19
 0  41
विधानसभा में सरकार के नीति, नियत और मंशा पर जमकर गरजे विधायक उमेश पटेल

खरसिया में रेलवे ओव्हरब्रिज, कुर्रूभांठा-सूपा मार्ग निर्माण सहित अन्य जनहित मुद्दों को सदन में उठाया

रायपुर/08 मार्च 2025/खरसिया विधायक उमेश पटेल विधानसभा के बजट सत्र में लोक निर्माण विभाग के अनुदान मांगों का विरोध करते हुए सरकार के नीति, नियत और मंशा पर जमकर गरजे। विधायक पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार ने पहले बजट में ज्ञान पर काम किया और इस बजट में गति पर काम करने की बात कही है। सरकार के लोक निर्माण विभाग की गति पर कहा कि वर्ष 2024-25 में जो बजट आबंटन हुआ है वह लगभग 8 हजार 200 करोड़ से अधिक के आसपास था। दिसंबर 2024 तक 3 हजार 450 करोड़ से अधिक व्यय हुआ है जो कि व्यय का लगभग 41 प्रतिशत है। इससे सरकार की गति को समझा जा सकता है कि किस गति से कार्य हो रहे हैं। इसी प्रकार पी.एच.ई. विभाग में जो बजट प्रावधान था उसका 34 प्रतिशत ही व्यय हुआ है। इसी प्रकार नगरीय निकाय में भी बजट व्यय बहुत ही धीमी गति है। इस प्रकार सरकारी तंत्र की गतिविधियां या गति बहुत ही सुस्त है और सरकार का कहना है कि 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का विजन पर कार्य कर रहे हैं तो कहां से होगा। व्यय सुस्त गति से होने का अर्थ है विकास कार्य एकदम धीरे हो रहे हैं। विकास कार्य का धीरे होना मतलब सरकार की विफलता का प्रतीक है।

विधायक पटेल ने सरकार की गति को आईना दिखाते हुए खरसिया में स्वीकृत रेलवे ओव्हरब्रिज के शासकीय प्रतिवेदन को बताया जिसमें वर्तमान स्थिति निविदा स्तर पर बताया गया है। रायगढ़ जिले के मुंबई हावड़ा रेलमार्ग में 620/13-15 में लेबल क्रासिंग 313 खरसिया यार्ड के पास रेलवे ओव्हरब्रिज के निर्माण में लागत 64.95 करोड़ है और कार्य की वर्तमान स्थिति अभी निविदा स्तर पर है। उन्होने लोक निर्माण मंत्री से कहा कि जब हम इसे छोड़कर गए थे तब इसकी निविदा पूर्ण हो चुकी थी अभी पिछले डेढ़ साल से इस पर कुछ भी काम नही हुआ है और आप बता रहे हैं कि अभी भी यह निविदा स्तर पर है क्या यही आपकी गति है। पहले अगर निविदा हो चुका है, टेण्डर हो चुका है। ठेकेदार वहां आकर निरीक्षण कर चुका है यह डेढ़ साल पहले का है तब भी वह काम शुरू क्यों नही हो रहा है। रूकने के क्या कारण हैं ? विभाग को केवल ठेकेदार साथ कांट्रेक्ट करना है। डेढ़ साल पहले ठेका हो चुका बस काम शुरू करना है। 

भाजपा की सरकार में यह काम क्यों रोककर रखा गया है यह समझ से परे है। या तो सरकार सिर्फ यही सोच रखे हैं कि पूर्ववर्ती सरकार ने इसे स्वीकृत किया था तो कहीं उन्हें इसका श्रेय न मिल जाए। अगर ये सोच रहे होंगे तो आगे क्या बोलें। विधायक पटेल ने अवगत कराया कि इस विषय पर विधानसभा में दो बार प्रश्न भी लग चुका है और माननीय मंत्री जी ने जवाब भी दिया है कि जल्द से जल्द इसका काम शुरू करेंगे परन्तु एक साल हो गया सरकार क्या इसी को गति कह रही है। इसी गति से कार्य होगा। इसी प्रकार रायगढ़-धरमजयगढ़-कापू मार्ग में भी जनहित की भावनाओं को व्यक्त करते हुए बताया कि उक्त मार्ग सिर्फ खरसिया से कापू तक को छोड़ दिया गया है। न तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जा रहा है न तो हटाया जा रहा और न ही कार्य को पूर्ण किया जा रहा है। लगभग 12 से 13 किलोमीटर को ही छोड़ा गया है इसके लिए कई बार धरना प्रदर्शन भी हो चुका है परन्तु कार्य प्रारंभ नही हुआ है।

 लोक निर्माण विभाग का यही गति से कार्य हो रहा है। विधायक पटेल ने आगे कहा कि लोक निर्माण विभाग के बजट प्रतिवेदन में ए.डी.बी. रोड के बारे में उपलब्धि दिखाया गया है परन्तु इसका भी गति बहुत ही सुस्त है। रक्सापाली, कुर्रूभांठा, तारापुर होते हुए सूपा तक ए.डी.बी. रोड बन रहा है यह मेरे विधानसभा क्षेत्र के लिए लाईफ लाईन बन सकती है क्योंकि उससे लोगों की आवाजाही बढ़ेगी, व्यवसाय बढ़ेगा और आमजन को सुविधा होगी परन्तु इसका गति पिछले डेढ़ साल से उस रोड का काम रूका हुआ है उसका काम पहले भी धीमी गति से चल रहा था लेकिन डेढ़ साल से तो उस रोड का काम पूरी तरह से रूक गया है। उसमें न तो ठेकेदार ब्लैक लिस्ट होता है न कार्य करता है। ठेकेदार का कहना है कि शासन से पैसा नही मिल रहा है। रोड बनाने में रास्ते में आने वाले जिस घर को तोड़ना है तो उस घर के मालिक को मुआवजा का पैसा नही मिल रहा है जिससे वह घर को नही तोड़ पा रहा है और अपना काम नही कर पा रहा है। विधायक पटेल ने लोक निर्माण विभाग मंत्री को बताया कि यह रोड 40 कि.मी. का है। इस 40 कि.मी. दूरी वाली रोड में छोटे-छोटे पेंच कार्य किए है बाकी पूरी रोड को खोद दिया गया है। पिछले डेढ़ साल से आमजन को आवाजाही में परेशानी हो रही है। यदि यह रोड बन जाए तो क्षेत्र के लोगों को आवाजाही में सुविधा होगी।

 इसी प्रकार लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग पर वाटर लेबल को ध्यान नही दिया जा रहा है और लगभग 300 मीटर खोदना फिक्स कर दिया गया जबकि हर गांव के वाटर लेबल की स्थिति अलग-अलग रहती है। आगे कहा कि योजना का असलियत यह है कि ठेकेदारों द्वारा सड़कों को तोड़ फोड़ कर पाईप लाईन बिछा दी जाती है और बाद में ध्यान नही दिया जाता है। इस प्रकार विधायक उमेश पटेल लोक निर्माण विभाग के अनुदान मांगों पर सरकार के मंशा एवं काम करने की नियत को लेकर जमकर घेरा तथा जनहित के मुद्दे खरसिया रेलवे ओव्हरब्रिज, धरमजयगढ़-कापू मार्ग, कुर्रूभांठा-तारापुर मार्ग, जल जीवन मिशन जैसे कार्यों को सरकार द्वारा विलंब किया जाना सीधा-सीधा जनता से जुड़ा मामला है जिसको सदन के माध्यम से विधायक पटेल सरकार की कार्य करने की गति तथा सरकार की मंशा पर सवाल उठाकर लगातार जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेर रहे हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow