परिवार और जिले की पहचान बन चुके रामचन्द्र

है पंडित मणीराम और पूर्णिमा के सुपुत्र
जीवन में माता-पिता की चाहत होती है कि उनका पुत्र या पुत्री परिवार का नाम रोशन कर धु्रव तारे के तरह आसमान में चमके। ऐसा ही धु्रव तारा वर्षों पूर्व राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित मणीराम शर्मा एवं पूर्णिमा देवी के आंगन में किलकारी लेकर जन्मा। वहीं रामचन्द्र आज विभिन्न क्षेत्रों में सफल होकर अपने माता-पिता का नाम रोशन कर रहा है। परिवार में भाई-भाभी बालमुकुन्द -मंजूलता, विनोद - निर्मला, नटवर-स्व. रेखा, अपनी बहनों जीजा विजया -सुरेश, आशा -रतन, मीना -मनोज एवं सरोज - विनोद में रामचन्द्र - पत्नी रश्मि, सुपुत्र-स्वराज व अभिराज शामिल हैं। रामचन्द्र की पहचान बचपन से ही बनने लगी थी। कक्षा 8वीं में ही जिले की स्कूल क्रिकेट टीम में चयन होकर पूत के पांव पालने में दिखा दिये थे। स्कूली एवं महाविद्यालयीन समय में एनसीसी में अपना नाम पूरे देश में लिखवा दिए। जब उनका चयन 26 जनवरी परेड दिल्ली के लिए एकमात्र कैडेट के रूप में चयनित हुए। इसी के साथ डिग्री कॉलेज के सीनियर अंडर ऑफिसर बनकर गौरवान्वित हुए। खेल के क्षेत्र में क्रिकेट की सी.के.नायडू ट्रॉफी, रोहिंटन बारिया ट्रॉफी में चयन, संभागीय फुटबॉल टूर्नामेंट में चयन हुआ। वर्तमान में पूर्व खिलाड़ी के साथ-साथ जिला क्रिकेट संघ सचिव, संस्कार क्रिकेट ऐकेडमी के संचालक के रूप में खिलाडिय़ों के दिलों में राज कर रहे हैं। इसी तरह सामाजिक सेवा के क्षेत्र में विप्र फाउंडेशन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वर्तमान राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, के रूप में समाज सेवा में लगातार कार्यरत है।
पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 14 वर्षों से दैनिक क्रांतिकारी संकेत अखबार के प्रधान संपादक एवं जिला प्रेस एसोशिएसन के अध्यक्ष के रूप में अपनी लेखनी का लोहा मनवा रहे हैं। अन्य क्षेत्रों मोटिवेशनल स्पीकर, पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य आदि के चलते रामचन्द्र शर्मा ने अपने परिवार के साथ-साथ जिले का नाम भी रोशन किया है। आज स्वर्ग में स्थित उनके पिता पंडित मणीराम शर्मा और माताश्री श्रीमती पूर्णिमा देवी जरूर गर्व और खुशी के साथ आशीर्वाद दे रहे होंगे। ऐसे बेहतरीन सपूत रामचन्द्र शर्मा को जन्म दिवस के अवसर पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
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