भाजपा महिला जनप्रतिनिधि के पति की दबंगई सारडा एनर्जी गेट पर अड़ाई कार, लगा लंबा जाम, जाम में फंसे SDM

खरसिया विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों भाजपा नेताओं की दबंगई दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है और आज देखने को भी मिला कि एक भाजपा नेता अपने आप को रॉबिनहुड साबित करने के लिए चक्का जाम की स्थिति तक निर्मित कर दिए लेकिन खबर लिखे जाने तक उस भाजपा नेता के ऊपर किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने की जानकारी नही प्राप्त हुई है।
रायगढ़। खरसिया के दर्रामुड़ा स्थित सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स में गुरुवार को कर्मचारियों की इंक्रीमेंट में भेदभाव को लेकर बड़ा हंगामा हुआ। लेकिन विवाद केवल वेतन तक सीमित नहीं रहा। भाजपा नेताओं की एंट्री ने इसे राजनीति और दबंगई का रंग दे दिया। वही सूत्र बताते हैं कि असल में इस पूरे मामले में बैकऐंड में फ्लाई ऐश के लाखों टन के ट्रांसपोर्ट का खेल हैं।
नेताजी की हीरोगिरी में लगा घंटों जाम.....
भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सतबाई पटेल के पति बीजेपी नेता छोटेलाल पटेल ने सत्ता के नशे में चूर होकर हद पार कर दी। फिल्मी अंदाज में उन्होंने अपनी कार ( CG-13 AV-9817) सीधे प्लांट गेट पर अड़ा दी, ताकि प्लांट के अंदर वाहन ना जा सके और न ही बाहर निकल पाए। नतीजा यह हुआ कि कई किलोमीटर तक भारी वाहनों की कतार लग गई, आम जनता और ट्रांसपोर्टर घंटों तक परेशान रहे।
इंक्रीमेंट विवाद या नेताओं का खेल.....?
कर्मचारियों के दो गुट भेदभाव का आरोप लगाकर भिड़ गए। दोनों पक्ष प्रबंधन पर अन्याय का आरोप जड़ते रहे। लेकिन हकीकत यह है कि इंक्रीमेंट के मुद्दे में भी स्थानीय नेताओं ने अपनी राजनीति घुसेड़ दी।
भाजपा और कांग्रेस दोनों के लोग मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों की आड़ में अपने-अपने लोगों के हितों की लड़ाई लड़ने लगे। कर्मचारियों के दो गुट इंक्रीमेंट को लेकर आपस में भिड़े थे, लेकिन नेताओं की एंट्री ने आग में घी डालने का काम किया।
भाजपा नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष पति रविंद्र गवेल भी प्लांट पहुँचे और अपने लोगों के पक्ष में प्रबंधन पर दबाव डालते नजर आए। इससे पहले छोटे लाल पटेल ने जो फिल्मी अंदाज में गाड़ी अड़ाकर माहौल और जाम दोनों क्रिएट किया था, वह अपने आप में बताने के लिए पर्याप्त था कि कैसे जब जेब में सत्ता और हाथ में पावर हो तो.. कुछ भी किया जा सकता है!
एसडीएम की गाड़ी बमुश्किल प्लांट पहुँची.....
हालात इतने बिगड़ गए कि मौके पर पहुंचे एसडीएम प्रवीण तिवारी की सरकारी गाड़ी भी जाम में घंटों फंसी रही। बड़ी मशक्कत के बाद ही वे प्लांट परिसर तक पहुंच पाए। यह नजारा बताने के लिए काफी था कि सत्ता के नशे में चूर एक नेता की दबंगई ने प्रशासन तक को बेबस कर दिया। एसडीएम प्रवीण तिवारी ने समझाइश देकर मामला शांत कराया। उन्होंने प्रबंधन को परफॉरमेंस के आधार पर वेतन वृद्धि करने की सलाह दी।
क्या कहते हैं एसडीएम.....
सारडा एनर्जी में विवाद की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचा। गेट पर एक गाड़ी खड़ी होने से भारी जाम लग गया था। स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए बैठक कर कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच विवाद का समाधान कराया गया। – प्रवीण तिवारी, एसडीएम खरसिया
फ्लाई ऐश का करोड़ों का धंधा असली वजह....?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे विवाद की असली वजह कर्मचारियों का वेतन नहीं बल्कि करोड़ों का फ्लाई ऐश ठेका है। रायगढ़ और खरसिया के प्लांटों से रोजाना हजारों टन फ्लाई ऐश सक्ती और आसपास डंप किया जाता है। इस काम में राजनीति का सीधा दखल है। नेताओं के करीबी ठेकेदार इस धंधे से मोटा मुनाफा कमा रहे हैं और ठेका हथियाने की खींचतान हमेशा बनी रहती है। यही वजह है कि इंक्रीमेंट जैसे मुद्दे पर भी स्थानीय नेता कूद पड़े और कर्मचारियों की नाराजगी को अपने फायदे का हथियार बना लिया।
सीसीटीवी को छुपाया....
सूत्रों की मानो तो कंपनी गेट के पास यह पूरी घटना घटित हुई है जिसका पूरा रिकार्ड सीसीटीवी में कैद हो गई है लेकिन कंपनी प्रबंधन इस पूरे मामले में किनारा करना चाह रहा है क्योंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और जिसके द्वारा हंगामा किया गया है वह भी भाजपा नेता तो ऐसे में अगर सीसीटीवी उजागर होती है तो कंपनी प्रबंधक को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस पूरे मामले से कंपनी प्रबंधन किनारा काटने में लगा है।
पुलिस की खामोशी पर सवाल....?
किसी भी प्लांट के आसपास दो मोटरसाइकिल भी अगर टकरा जातें है तो पुलिस मौके पर तुरंत पहुचती है लेकिन सारडा एनर्जी के गेट में घंटो बवाल होता रहा कई किलोमीटर जाम लगा रहा लेकिन पुलिस को किसी प्रकार की सूचना नही मिली यह सबसे बड़ा सवाल है लेकिन एक पहलू यह भी देखा जा रहा है कि जिन्होंने वहाँ हंगामा किया वे सत्ताधारी पार्टी के नेता है और ऐसे मामलों में शायद पुलिस जबरजस्ती बवाल मोल लेना नही चाहती इसलिए किनारे कट लेने में ही भलाई समझ रहे है।
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