संवेदनहीनता की पराकाष्ठा वृद्धों, दिव्यांगों, किसानों का उत्पीड़न अन्नदाता कब तक सहेगा ऐसा व्यवहार ?

Sep 24, 2025 - 22:22
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संवेदनहीनता की पराकाष्ठा वृद्धों, दिव्यांगों, किसानों का उत्पीड़न अन्नदाता कब तक सहेगा ऐसा व्यवहार ?

सीपत जिला सहकारी बैंक, भारतीय डाक घर, SBI बैंक सीपत में अभी तक दिव्यांग व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हो ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिनका आधार कार्ड आँख द्वारा बनाया गया फिंगर प्रिंट न आता हो उनका E- kyc सुविधानुसार हो ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। देश में किसान को समृद्धि बनने की योजना के नाम पर काम की राजनीति चल रही है। 

सरकार किसानों की समस्या के प्रति कितनी संवेदनशील है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है जब उनके अधिकारी कोई ना कोई बहाने देकर वृद्ध और किसानों को मिलने वाले लाभों से वंचित कर किसी ना किसी प्रकार से नुकसान करा रहे है। जिस सरकार और जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों के मन में अन्नदाता के प्रति सम्मान ना हो और जो अधिकारी उनकी समस्याओं का समाधान ना कर पा रहे हो ऐसी सरकार को सत्ता और अधिकारियों को पद में रहने का कोई अधिकार नही होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में जो विकास नहीं हुआ उसे दिखाकर लोगों को अंधा बना रही है राज्य सरकार दूसरी ओर केंद्र सरकार की उतेजना चरम सीमा पर है क्योंकि उनके नेताओं की और अफसरों की पेंशन तो चालू ही होगी.? 

समस्याएं तो सिर्फ बुजुर्गों के फिंगरप्रिंट नहीं आ रहे तो कभी दिव्यांगों की E- kyc अपडेट नहीं है क्योंकि उंगलियों के चिन्हों के घिस जाने के कारण निशाना मशीन में अपलोड नहीं हो पा रहे है। जिसे सरकार द्वारा संसद भवन में फर्जी लाभार्थी बोल जाता है। लेकिन समस्या का निराकरण करने का प्रयास उनके नेताओं, या अधिकारियों द्वारा नहीं किया जाता है। पहले तो ये जांच होनी चाहिए कि आपके युग में बने आधार कार्ड में गड़बड़ी कैसे हुई और फिर कोई फर्जी आधार कार्ड कैसे बना अगर वो सही तरीके से बनाया गया है फिर उसे सरकारी योजनाओं का लाभ क्यों प्राप्त नहीं हो रहा है सीपत निवासी दिव्यांग किसान सुजान सिंह का 20 एवं 21 जून 2024 को इस संबंध में समाचार प्रकाशित किया गया था पूर्व में जनदर्शन और जिलाधीश, महोदय एवं सीपत तहसील में SDM महोदय को आवेदन दिया गया बार- बार आवेदन देने के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया है। 

इस संबंध में ग्राम सेवक सीपत और मस्तूरी कृषि विभाग, जिला सहकारी बैंक सीपत के अधिकारियों को संबंधित सभी कागजात दिया गया था लेकिन समस्या का हाल आज तक नहीं किया गया है किसान सम्मान निधी की 12 किश्त प्राप्त नहीं हुआ है ये जो वर्तमान सरकार और अधिकारियों की कार्यप्रणाली है उनके बारे मे चिंतन कर ऐसा लगता है भविष्य मे राज्य की बड़ी संख्या जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित हो जाये तो कोई आश्चर्य नही क्योंकि सत्ताधारियों को जनता के बुनियादी सुविधाएं नही अपनी सत्ता प्यारी है बाकी योजनाओं की भाँति ये योजना भी भ्रष्टाचार निष्क्रियता की भेट चढ़ गयी आज देश का हर एक किसान त्रस्त है। किसान सम्मान निधि के नाम पर ये किसानो को लॉलीपॉप दिया जा रहा हैं, जनता पूरी तरह से इनसे उब चूकी है। सरकारी कार्यालयों में कहीं सुनवाई नही होती है आधार कार्ड E- kyc कराने के लिए बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है वृद्ध और दिव्यांग लोगों को सीढ़ियों से जाना पड़ता है और Sbi सीपत के कर्मचारियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है

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