पुलिस वाले ने महिला से की सेक्स की डिमांड, नहीं हुई राजी तो की ये घिनौनी हरकत, न्याय की उम्मीद से मदद मांगने...
भिलाई में एक महिला ने आरक्षक पर शारीरिक और यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन के बीच आरोपी आरक्षक को निलंबित कर एफआईआर दर्ज की गई।
महिला ने आरक्षक अरविंद मेधे पर शोषण का आरोप लगाया।
बजरंग दल के विरोध के बाद FIR दर्ज, आरक्षक निलंबित।
DSP को 7 दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश।
भिलाई: छत्तीसगढ़ के भिलाई से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र के एक आरक्षक पर एक महिला ने शारीरिक शोषण और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। घटना के बाद महिला ने छत्तीसगढ़ बजरंग दल के युवाओं से संपर्क किया। बुधवार सुबह करीब 11 बजे से हिंदूवादी संगठन के सदस्यों ने महिला के साथ मिलकर थाने के बाहर हंगामा किया और आरक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। महिला की शिकायत के बाद एसएसपी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरक्षक अरविंद मेधे को निलंबित कर दिया। डीएसपी भारती मरकाम को मामले की जांच कर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
क्या है पूरा मामला...?
मिली जानकारी के अनुसार महिला के बेटे के खिलाफ कुछ दिन पहले पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई कर उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया था। अपने बेटे को छुड़ाने के लिए उसने भिलाई थाने में तैनात आरक्षक अरविंद मेधे से मदद मांगी। आरक्षक ने उसका फोन नंबर लिया और उसे अपना नंबर दिया। आरक्षक ने महिला को फोन करके सिरसा गेट के पास मिलने के लिए कहा फिर महिला उससे मिलने गई। आरक्षक उसे अपनी दुपहिया गाड़ी पर बिठाकर एक सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की बात कही और महिला ने पीरिड्स चलने की बात कही तो वह उसके सीने से लेकर प्राइवेट पार्ट में हाथ लगाने लगा।
इस घटना से वह बहुत असहज हो गई और बजरंग दल को इसकी सूचना दी। बुधवार की सुबह बजरंग दल के सदस्यों ने थाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामला बढ़ता देख और थाने को घेरते हुए थाना प्रभारी अंबर सिंह ने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। एएसपी पद्मश्री तंवर पहुँचीं और पीड़िता का बयान दर्ज करने के कुछ घंटों बाद, एफआईआर दर्ज की गई। साथ ही आरक्षक को निलंबित करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
‘वर्दी के नीचे छिपे हैं ऐसे दरिंदे’
पुष्पराज और हिंदूवादी संगठन की ज्योति शर्मा ने कहा कि लोग वर्दी पर भरोसा करते हैं और यह समझना मुश्किल है कि इसके नीचे कितने दरिंदे छिपे हैं। उन्होंने कहा कि अगर महिला को मासिक धर्म नहीं होता तो उसकी इज्जत तार-तार हो जाती। उन्होंने कहा कि एक मां अपने बेटे की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, लेकिन एक पुलिस अधिकारी का ऐसा व्यवहार अच्छी पुलिसिंग पर गंभीर सवाल उठाता है।
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