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खेतों में लगाई जा रही फसलों को पहुंचा रहे नुकसान शहरों व अन्य गांवों से रात के अंधेरे में छोड़े जा रहे मवेशी सड़क , चौक , चौराहे पर लगा रहता है मवेशियों का जमावड़ा मोटसाइकिल सवार हो रहे चोटिल...
कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क....
संवाददाता :- दीपक गुप्ता....✍️
सूरजपुर :- जिले भर में आवारा मवेशियों से आमजन सहित ग्रामीण अंचलों के किसान परेशान हैं। वहीं किसान अपने धान के फसल की रक्षा करने के लिए रतजगा करने विवश हो रहे हैं। आपको बता दें कि पूर्व की सरकार द्वारा संचालित रोका छेका और गोठान योजना पूरी तरह ठप्प है। वहीं वर्तमान सरकार द्वारा गोठान योजना को अभ्यारण्य योजना का नाम देकर इतिश्री कर ली गई है। इन आवारा मवेशियों से सड़कों पर राहगीरों को भी परेशानी हो रही है और आए दिन दुर्घटनाएं भी हो रही है। इन दुर्घटनाओं में कभी वाहन चालक तो कभी मवेशी चोटिल हो रहे हैं। बावजूद इसके सड़क पर विचरण करने वाले आवारा मवेशियों के प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन के पास कोई कारगर उपाय नहीं है। कांजी हाऊस भी पंचायत राज अधिनियम में महज शो पीस बनकर रह गई है घूमन्तु व आवारा मवेशियों के कांजी हाऊस का प्रावधान किया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों और प्रशासन की उदासीनता से कांजी हाऊस महज शो पीस बनकर रह गए हैं। वहीं पशुओं का बाजार मूल्य भी लगभग शून्य हो चुका है। जिससे कांजी हाऊस में बंद करने के बाद इन मवेशियों को कोई पूछता नहीं है और यह घुमंतू मवेशी ग्राम पंचायतों के लिए भी सिरदर्द बन गए हैं। ऐसे में ऐसे मवेशियों को छोड़ दिया जाता है। जिसके कारण वापस ये किसानों के खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
खेतों में फसलों को पहुंचा रहे नुकसान :- ग्रामीण और शहरी इलाकों में मवेशी स्वामियों द्वारा उपयोगी पशुओं को घर में बांधाकर उनका लालन-पालन किया जा रहा है, जबकि अनुपयोगी गाय और भैंस वंशीय मवेशियों को घर से बाहर भगा दे रहे हैं। जो इधर उधर भटक कर किसानों के फसलों को नष्ट कर रही है और सड़कों पर विश्राम कर रहे हैं।
ऐसी स्थिति के कारण किसानों ,राहगीर व वाहन चालकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे जिले के किसान हैं आवारा मवेशियों से हलाकान :- जिले के विकासखंड ओड़गी क्षेत्र के गिरजापुर, कालामांजन, ओड़गी, बांक, ठाड़पाथर, पकनी, विकासखंड भैयाथान के बड़सरा, भैयाथान, बसकरपारा, सलका, विकासखंड प्रतापपुर के प्रतापपुर, सत्तीपारा खड़गवांकला विकासखंड रामानुजनगर के रामानुजनगर, भुवनेश्वरपुर, कौशलपुर, सूरजपुर के तिलसिंवा, शिवनन्दनपुर, जयनगर, अजबनगर, तेलईकछार, सतपता, केशवनगर, पार्वतीपुर, गोविन्दपुर, लटोरी, दतिमा व प्रेमनगर के चन्दननगर, तारा, कटारोली, ब्रहमपुर, शिवनगर, मेड़ा, अभयपुर, रघुनाथपुर, फुलकोना, कंचनपुर, मंहगई आदि में आवारा पशुओं ने कोहराम मचाया हुआ है। ग्राम पंचायत बड़सरा, बसकरपारा और कुरीर्डीह के ग्रामीणजन रातों को जागकर अपने खेतों में लगी फसलों रखवाली करने को विवश हैं।
पशु पालकों पर हो कार्रवाई - रक्षेन्द्र प्रताप सिंह :- किसान नेता रक्षेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि आवारा व घूमन्तु मवेशी खुलेआम विचरण कर रहे हैं। अधिकांश पशुओं के कान में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा चिह्नाकिंत कर टैग लगाया गया है। अगर प्रशासन इच्छाशक्ति जागृत कर ले तो ऐसे मवेशी मालिकों के खिलाफ कार्यवाही कर सकती है।
चलेगा रोका - छेका अभियान :- वहीं इस संबंध में जिले के कलेक्टर रोहित व्यास से आवारा पशुओं से किसानों को निजात दिलाने उपाय जानने के लिए जब पत्रकारों ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि घूमन्तु मवेशी हैं और इस समस्या से निजात दिलाने के लिए रोका- छेका अभियान चलाया जायेगा। जबकि एक अगस्त को जिला पंचायत के द्वारा आवारा मवेशियों की धर-पकड़ को लेकर बैठक आहूत करने का पत्र जारी किया गया था, परंतु वह बैठक भी नहीं हो पायी और आलम यह है कि किसानों के द्वारा लगाए जा रहे धान के रोपा को भी मवेशी चट कर जा रहे हैं।
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