खाड़ाबन तालाब के उद्धारक बने यें समाज सेवी

सारंगढ़ । नगर के तालाबों की बात की जाए तो सबसे बड़ी तालाब खाड़ाबन है ।जिस तालाब में लगभग 15 घाट है , साथ ही साथ 6 मंदिर भी हैं जिसमें लक्ष्मी नारायण मंदिर, भोलेनाथ का मंदिर, द्वारकाधीश का मंदिर, खड़गेश्वर नाथ मंदिर , ठाकुर देव मंदिर, नंदिश्वर मंदिर, संतोषी मंदिर जिनकी स्थिति अच्छी नहीं रही, जिसे सजाने संवारने का कार्य नगर के इन समाज सेवियों ने उठाया । जो स्वयं के लागत से मंदिरों का पुनर्उद्धार के साथ ही साथ घाटों की सफाई के साथ टूटे-फूटे पचरियों को नया स्वरूप प्रदान कियें ।
विदित हो कि - इन चारों के द्वारा किसी ने सीमेंट , तो किसी ने गिट्टी और रेत , तो किसी के द्वारा कारीगीर का और लेबरों का भुगतान किया गया । यें चार समाजसेवी जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है , लेकिन उनके समाज सेवा को ध्यान में रखते हुए आमजन को इस विषय की जानकारी भी हो कि- खाड़ा बन परिक्षेत्र का उद्धार कराने वालों में समाजसेवी पार्षद अमित तिवारी, ठेकेदार मनोज केडिया , दुकानदार कृषक सीताराम केसरवानी और ठेकेदार सूरज गोयल जिनके द्वारा खाड़ाबन तालाब के मंदिरों का रंग रोगन के साथ पचरियों का उद्धार किया गया । यहां तक की खजांची पचरी के नव निर्माण में इन समाज सेवीयों के द्वारा लगभग ₹ 2 लाख खर्च किया गया ।
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