महाराजा अग्रसेन की आरती के साथ हुआ पुष्पाहार प्रतियोगिता का शुभारंभ, सुधा बंसल प्रथम
प्रथम बार आयोजित घरवत (पितरों के गीत) में महिलाओं ने दिखाया काफी उत्साह
रायगढ़ 28 सितंबर: नगर में चल रही महाराजा अग्रसेन जयंती में शनिवार को अग्रोहा भवन में महाराजा श्री अग्रसेन की भव्य आरती का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में अग्रबंधु शामिल हुए। शनिवार को ही शाम को रानी सती दादी समिति द्वारा आरती की गयी। जयंती तक अग्रोहा भवन में सुबह शाम प्रतिदिन आरती होगी जिसे अलग-अलग संस्थाओं द्वारा पूरे पारंपरिक वेशभूषा में किया जाएगा। जयंती के लिए विशेष तौर पर भवन में स्थापित महाराजा श्री अग्रसेन जी के मंदिर को फूल सजाया गया है। पूरे अग्रोहा भवन को जयंती के लिए तैयार कराया गया है। इसके बाद जयंती की प्रथम प्रतियोगिता पुष्पहार का आयोजन हुआ जिसमे समाज के सदस्यों द्वारा एक से बढ़कर एक फूलों की माला मनाई। इन मालाओं को महाराजा श्री अग्रसेन की प्रतिमा पर चढ़ाया गया।
पुष्पाहार प्रतियोगिता में निर्णायकों द्वारा बारीकी से देख कर सुधा बंसल की माला को पहला स्थान दिया इसके साथ ही वर्षा अग्रवाल और विवेक बंसल ने दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसके पश्चात कृत्रिम माला प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में भी माल ही बनानी थी पर इसमें फूलों का या खाद्य सामग्री का उपयोग नहीं करना था पेपर आदि से माल तैयार करनी थी। जिसमे रुपाली गोयल,ज्योति अग्रवाल और आँचल अग्रवाल ने पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। काउ हेड पेंटिग प्रतियोगिता में प्राची कमानी प्रथम, प्रियंवदा केड़िया द्वितीय एवं रिमझिम अग्रवाल तृतीय रही। स्थल पर ही प्रतियोगियों ने काउ हेड पर फ्रीस्टाइल पेंटिंग एवं डेकोरेट किया।
पितरों के गीत का आयोजन समाज की महिलाओं ने सराहा
जयंती में पहली बार घरवत (पितरों के गीत) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इसमें बड़ी संख्या में समाज की महिलाओं ने हिस्सा लिया एवं उपस्थिति रही। प्रतियोगिता प्रभारी किरण अग्रवाल (राधा एंड संस) ने बताया कि घरवत मारवाड़ी समाज में एक परंपरा है। शादी विवाह या किसी भी शुभ कार्य में एक दिन पूर्व रातजगा किया जाता है। जिसमें पितरों के गीत गाए जाते हैं एवं उन्हें आमंत्रित किया जाता है। ताकि सभी कार्य मंगलमय संपन्न हो। पहले घर की सास-बहू सब मिलकर इन गीतों को गाती थी। पर अब वर्तमान में नान बहमणि आदि गीतों को गाती है। आजकल की बहू को गीत याद भी नहीं रहता। इसी परंपरा को ताजा करने एवं इसकी जागरूकता के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें समाज की बहूओ ने स्वयं मारवाड़ी में पितरों के गीत गाए। यह दो वर्ग में रखी गई थी एकल और युगल जिसने सिंगल में प्रथम स्थान संगीता अग्रवाल प्राप्त किया। साथ ही पुष्पा देवी गोयल और लीला देवी ने दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। डबल में प्रथम चम्पा देवी एंड ग्रुप, द्वितीय सिमा गुप्ता एंड ग्रुप एवं मोना एंड सिमा ग्रुप ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता का सफल संचालन प्रभारी किरण अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, सरिता रातेरिया, रेखा अग्रवाल एवं लक्ष्मी अग्रवाल ने किया।
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