राउलकेला से दूसरे कंपनी के लिए निकला कोयला पहुच रहा रायगढ़
रायगढ़ में कोयले की अफरातफरी की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है, सूत्रों की माने तो कुछ ट्रांसपोर्टर भी इस अफरातफरी के पुराने व माहिर खिलाड़ी माने जाते है ऐसा नही की इस अफरातफरी की जानकारी कंपनी प्रबंधक को नही है क्योंकि इस अफरातफरी के खेल में कंपनी प्रबंधक की मिली भगत रहती है ।
कैसे होती है कोयले की अफरातफरी....
कई बार कंपनी के अधिकारी थाने में पहुचकर ट्रांसपोर्टर या गाड़ी ड्राइवर के ऊपर यह आरोप लगाते हैं कि कोयले के साथ छाई मिक्स करके कंपनी में सप्लाई करने के कारण कंपनी को नुकसान पहुंचा है, लेकिन जब इस पूरे मामले की हकीकत सामने आती है तो यही होता है कि नुकसान की भरपाई कर के उसे छोड़ दिया जाता है, क्योंकि जब इसकी जाँच सही तरीके से की जाए तो उस कंपनी के अधिकारियों के साठगांठ की बात सामने आने की प्रबल संभावना रहती है इसलिए उस मामले की जांच पूर्ण नही होने देते और पैसे जमा करवा कर या करके मामले को रफादफा कर देते है जिससे कि कंपनी के अधिकारियों की नजर उस दोगले कर्मचारी या अधिकारी पर न पड़े।
कोयले की गाड़ी का रूठ कैसे बदल जाता है.....
कोयले की गाड़ी जब कोयला लोड करते है और जिस कंपनी में जाना होता है तब उस गाड़ी का रूठ तय होता है लेकिन चंद पैसों की लालच में ट्रांसपोर्टर एक डिपो में गाड़ी घुसा कर आधा कोयला खाली करके उसमें छाई मिक्स कर देते है और सीधे उस गाड़ी को कंपनी के अंदर ऐसे जगह में डंप करते है जहाँ की यह जानकारी न मिल सके कि यह कोयला किस गाड़ी का है और ऐसे करने में उस डिपार्टमेंट के अधिकारी एवं कर्मचारियों की मिली भगत रहती है।
राउलकेला का कोयला रायगढ़ कैसे...
सूत्रों की माने तो राउलकेला के एक माइंस से दूसरे कंपनी के लिए कोयला लोड होता है लेकिन उस कंपनी में ट्रांसपोर्टर के द्वारा सेटिंग्स करके उस कोयले को चोरी छिपे रायगढ़ के एक कंपनी में सेटिंग्स करके उस कंपनी में डम्प कर रहे है और ऐसा करके ट्रांसपोर्टर को दोगुना लाभ होता है।
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