पार्षद बनकर जनता की सेवा नही अवैध कारोबार पर संरक्षण चाहते है .....

रायगढ़ - नगर निगम चुनाव की सरगर्मी बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है आज हम बात करते है वार्ड क्रमांक 35 की इस वार्ड को झोपड़ी पारा के नाम से जानते है यहाँ की गलियां ऐसी है कि अगर किसी घर के व्यक्ति को आपात समय मे हॉस्पिटल ले जाने की स्थिति निर्मित हो जाती है तो इस वार्ड की सकरी गलियों में एम्बुलेंस आना तो दूर इन गलियों से एक खटिया भी पार नही हो सकता इस कारण इन गलियों में हमेशा अंधकार छाया रहता है।
लोगो की माने तो पूर्व पार्षद इस वार्ड में किसी भी प्रकार के विकास के काम को नही किया है शायद इस पार्षद की मंशा वार्डवासियों के लिए विकास करना नही थी मंशा थी राजनीति में आने की क्योंकि पार्षद के परिवार के मुखिया ही सट्टा के कारोबार के बेताज बादशाह माने जाते है इसलिए शायद उनकी मंशा थी कि पार्षद बनके सट्टा के कारोबार को संरक्षण मिल सके।
कुछ जानकारों की माने तो इस वार्ड के पूर्व पार्षद ने लगभग 1 साल पहले ही यह कहते हुए किसी भी वार्डवासियों के काम को नही कि मै इस बार चुनाव नही लड़ूंगा। जिसके कारण इस वार्ड में समस्याओं का अंबार लगा है चाहे वह साफ सफाई की हो या फिर सड़क, पानी, नाली जैसे बुनियादी सुविधाओं के लिए भी इस वार्ड की जनता को दर दर को ठोकर खाने को मजबूर होना पड़ा है। लेकिन जब से चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ है और इस वार्ड में आरक्षण होने के बाद टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिए और वर्तमान में पूर्व पार्षद की पत्नी पार्षद प्रत्याशी बनकर मैदान में है। कही ऐसा न हो कि इस बार चुनाव जीतने के बाद फिर से इस वार्ड की जनता को एक अनाथ की तरह ही फिर से जीवन यापन करना पड़े।
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