कोटवारी भूमि का बिक्री नकल जारी करने वाले पटवारी अनिल राम पर कार्यवाही आखिर कब...? अधिकारी की भूमिका संदिग्ध
रायगढ़ :- रायगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत परसदा में जब अनिल राम की पदस्थापना हुई तब इस गांव में जमीन के अनेक फर्जीवाड़े हुए है इस गांव में अनिल राम के रहते कोटवारी भूमि तक नहीं बची कोटवारी भूमि को भी इस पटवारी ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए शासन के साथ छल करके इस गांव की कोटवारी भूमि को अग्रवाल बंधु के नाम पर बेचने का मन बनाया और इस जमीन का बिक्री नकल जारी कर दिया।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि किसी भी भूमि का जब बिक्री नकल जारी होता है तो रिमार्क में यह बताना जरूरी होता है कि यह जमीन किस मद की है क्या यह भूमि शासकीय है या कोटवारी या निजी लेकिन शासन के साथ धोखा करके अनिल राम ने इस जमीन को निजी बताया जिसके आधार पर इस जमीन की रजिस्ट्री भी कर दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस भूमि या कहे पटवारी अनिल राम ने जिन भूमि को भी इस तरह फर्जीवाड़ा करके अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए बेचने जैसा काम किया है उसमें राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी भी शामिल है इसलिए इस मामले में कार्यवाही करने से अधिकारी को भी सोचना पड़ रहा है कि अगर इस मामले की निष्पक्षता पूर्ण जांच की गई तो पहले पटवारी बाद में उसे उच्च अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी इसलिए मामले को दबाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।
पटवारी के आसपास रहने वाले कुछ लोगों की माने तो इन सबमें पटवारी इस सोच में है कि अगर मैं डूबा तो अधिकारियों को भी ले डूबूंगा क्योंकि बिना अधिकारी की सहमति के ऐसा काम किया ही नहीं जा सकता मतलब साफ है कि कही न कही दाल में काला जरूर है।
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