श्री राधा कृष्ण हॉस्पिटल पंचकर्म से लकवा ग्रस्त मरीजों का इलाज
सारंगढ़। क्या होता है शिरो धारा पद्धति शिरोधारा दो शब्दों से मिलकर बना है शिरो अर्थात सिर और धारा अर्थात प्रवाह या धार। शिरोधारा पंच कर्म की शुद्धीकरण चिकित्सा में सबसे ज्यादा असरदार और तरोताजा करने वाली पद्धति में से एक हैं। यह बेहद आराम पहुंचाने वाली पद्धति है। जो शारीरिक व मानसिक तनाव , थकान बहुत जल्द दूर करती हैं । लकवा ग्रस्त मरीज के सिर के नस में खून का जमाव होने से मरीज मानसिक एवं शारीरिक रूप से अस्वस्थ हो जाता है ।जिसके कारण हाथ पांव में रक्त संचार रुकने लगता है ।जिसका शिरोधारा पद्धति से उस सिर के दबे हुए नस में एक निश्चित गति से तेल की धारा को नस में प्रवाहित किया जाता है, जिससे उस नस में जमे हुए खून के थक्के पिघलने लगते हैं। नस में पहले जैसा रक्त संचार शुरू होने लगता है। जिसके कारण मरीज इस पद्धति से पूर्ण स्वस्थ हो जाता है और पहले जैसा तरोताजा महसूस करने लगता है । इस पद्धति से मानसिक तनाव से मरीज बहुत दूर हो जाता है और शारीरिक दुर्बलता भी पूर्ण रूप से खत्म हो जाती है।
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