जननायक रामकुमार के नाम से अध्ययन और शोध पीठ केंद्र रायगढ़ विश्वविद्यालय में चालू हो....
मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री और विधायक के नाम से कुलपति को सौंपा ज्ञापन....
रायगढ़ बचाओ-लडेंगे रायगढ़ ने जननायक रामकुमार के पुण्यतिथि पर कुलपति को शोध पीठ चालू करने के लिय कहा.....
रायगढ़। इतिहास और दास्तान को विषय पर निरंतर चर्चा कर इसमें से नई पीढ़ी अपने जीवन का मार्ग खोजते रही हैं।इसी क्रम में भारत के गुलामी को खत्म करके आजादी का सूर्योदय हुआ फिर इन आजादी के दीवानों के जीवन संघर्ष की गाथा और जीवंत हर वक्त जन-जन के लिए मुखर रहकर आंदोलन तक कर डालना या अपनी मातृभूमि के सपूतों से ही हो सकता रहा है।
जननायक रामकुमार अग्रवाल जिनका वर्तमान वर्ष शताब्दी वर्ष है से हर एक परिचित है जो उनके संघर्षों और जनता के हितों की जल, जंगल, जमीन की लड़ाई को लड़ने का जज्बा उठकर इस विषय को रायगढ़, जशपुर, शक्ति, सारंगढ़ और जांजगीर-चांपा जिले के गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाया जिससे हातिमा बची रहे फिर आंदोलन की फेहरिस्त जो की इनके जीवन के परिचय का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा, जिससे विस्थापितों, किसानों, मजदूरों गरीबों, बेरोजगारों और स्थानिक जनों की आवाजों को उठाकर स्थानीय जनों का हक संपादित किया, अपितु इसको प्रशासन और शोषकों को भी मानना पड़ा।
रायगढ़ बचाओ-लड़ेंगे रायगढ़ के विनय शुक्ला के नेतृत्व में युवकों का जत्था शाहिद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के कुलपति महोदय को ज्ञापन देकर आग्रह किया कि जननायक रामकुमार अग्रवाल जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रायगढ़ सहित सारंगढ़, शक्ति, जांजगीर - चांपा, जशपुर आदि जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन वृत्त और कार्य प्रणाली के विषय पर अध्ययन एवं शोध केंद्र प्रारंभ करवाए जाने हेतु निवेदन किया इस अवसर पर अनिल चिकू, अक्षत खेडूलकर, अभिषेक सोनी, आरिफ रजा, अभिषेक चौहान, तिजेस जायसवाल
राहुल यादव, इनाम सिद्दीकी, शानु माईती, रजत कुमार, मुकेश आदि उपस्थित रहे।
रायगढ़ बचाओ लड़ेंगे रायगढ़ के द्वारा ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय,उच्च शिक्षा मंत्री सहित स्थानिय विधायकों को कोई भी प्रेषित किया है।इन जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के इतिहास और उनके द्वारा किए गए प्रयासों के लिए नई पीढ़ी को जानने की आवश्यकता है शाहिद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ में अध्ययन केंद्र और शोधपीठ के खुलने से हम भारत के आजादी के इतिहास को और सुदृढ़ कर सकेंगे।
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