पहले DSP फिर बनी IAS, यूं 540 करोड़ का खेल करके पहुंची जेल, SC से मिली इतने दिनों की जमानत
छत्तीसगढ़ कैडर की निलंबित महिला आईएएस अधिकारी रानू साहू फिर चर्चा में हैं अब वजह यह है कि छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला के आरोप में जेल में बंद आईएएस रानू साहू को अंतरिम जमानत मिली है।
IAS Ranu Sahu: छत्तीसगढ़ कैडर की निलंबित महिला आईएएस अधिकारी रानू साहू फिर चर्चा में हैं अब वजह यह है कि छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला के आरोप में जेल में बंद आईएएस रानू साहू को अंतरिम जमानत मिली है।
आईएएस बनने से पहले रानू साहू डीएसपी थीं डीएसपी रहते हुए उन्होंने यूपीएससी क्रैक करके 2010 बैच की आईएएस अधिकारी बनकर होम कैडर छत्तीसगढ़ में सेवा की।
आईएएस रानू साहू का सर्विस रिकॉर्ड
रानू साहू छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला की आरोपी हैं और चार जिलों की कलेक्टर रह चुकी हैं कांकेर, बालोद, कोरबा और रायगढ़ जिलों की कलेक्टर रहने के अलावा, उन्होंने मंडी बोर्ड एमडी और बिलासपुर नगर निगम आयुक्त, हेल्थ निदेशक, जीएसटी आयुक्त, और छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड एमडी के पदों पर भी सेवाएं दी हैं कोरबा की कलेक्टर रहते हुए, उनकी मंत्री जय सिंह अग्रवाल से अनबन हो गई थी, जिसके चलते उनका तबादला रायगढ़ किया गया।
2005 में डीएसपी बनी थीं रानू साहू
रानू साहू पढ़ाई में काफी होशियार थीं दसवीं कक्षा में उन्होंने 90 फीसदी अंक हासिल किए ग्रेजुएट करने के बाद 2005 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके छत्तीसगढ़ पुलिस में डीएसपी के पद पर शामिल हुईं डीएसपी बनने के बाद भी उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा और संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों में जुटी रहीं अंततः 2010 में वह आईएएस अधिकारी बनीं।
रानू साहू किस मामले में जेल गईं?
रिपोर्ट्स के अनुसार, आईएएस रानू साहू पर आय से अधिक संपत्ति रखने और छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में शामिल होने के आरोप हैं 21 जुलाई 2023 को ईडी ने उनके सरकारी आवास पर छापा मारा और 22 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया तब से वह जेल में हैं और गिरफ्तारी वाले दिन से निलंबित चल रही हैं रानू साहू पर 2015 से 2022 के बीच करीब 4 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति खरीदने का आरोप है, जबकि 2022 तक उनकी कुल कमाई 92 लाख रुपये है रायगढ़ की जेल में बंद रानू साहू की जमानत याचिका पर 9 जुलाई को सुनवाई होनी है।
नए मामले में जल्द हो सकती है गिरफ्तारी
कोयला घोटाला मामले में रानू साहू एक साल से जेल में बंद हैं। एक तरफ रानू साहू को राहत मिली है वहीं दूसरी तरफ EOW ने उनके खिलाफ नई FIR दर्ज की है EOW की नई कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि रानू साहू को एक बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है कोर्ट ने रानू साहू को 7 अगस्त तक अंतरिम जमानत दी है बचाव पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पैरवी की सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुवन की डबल बेंच ने जमानत आदेश जारी किया।
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