गाँव तक पहुचने के लिऐ सड़क नही मरीज को चारपाई से लेकर एंबुलेंस तक पहुचे परिजन...

Jul 26, 2024 - 20:54
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मुख्य मार्ग पर एक घंटे तक इंतजार करते रहे एम्बुलेंस कर्मी....

कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क....

संवाददाता :- दीपक गुप्ता....✍️

सूरजपुर :-डायरिया पीड़ित महिला के बेहोश होने की सूचना पर विभाग ने पीड़िता को अस्पताल ले आने के लिए तत्काल एम्बुलेंस भेज दिया डायरिया पीड़िता बेहोश हो गई थी एम्बुलेंस मुख्य मार्ग ही पर घंटों तक खड़ी रही। परिजन पीड़िता को चारपाई पर लेकर मुख्य मार्ग पर पहुंचे तब उसे एम्बुलेंस से अस्पताल लाया गया। जिला अंतर्गत दूरस्थ चांदनी-बिहारपुर के आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतें पहुंच विहीनता का दंश झेल रही है। बरसात में ये ग्राम पंचायतें टापू बन जाती है। शासन द्वारा बिहारपुर से उमझर तक 24 किमी लम्बी सड़क का निर्माण कराया गया है है लेकिन पुल एवं आगे की 12 किमी लम्बी सड़क का निर्माण नहीं होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बरसात में किसी के गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर समस्या और अधिक बढ़ जाती है तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। बुधवार को ग्राम सपहा पटेलपारा निवासी फूलमती पाल पति सुग्रीम पाल उम्र 45 वर्ष को उल्टी दस्त होने लगी। परिजन ने पीड़िता का जड़ी-बूटी के माध्यम से घरेलू इलाज किया लेकिन आराम मिलने के बजाय उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तथा महिला बेहोश हो गई। महिला के बेहोश होने पर उसके गंभीर रूप से बीमार पड़ने एवं स्थिति नाजुक होने की जानकारी मिली। परिजन ने तत्काल इसकी सूचना स्वास्थ्य अधिकारी को दी। सूचना मिलते ही बीएमओ ने पीड़िता को अस्पताल ले आने एम्बुलेंस को रवाना कर दिया। ग्राम सपहा जाने के लिए रास्ता उपलब्ध नहीं होने के कारण स्वास्थ्य कर्मियों ने गांव के समीप मुख्य मार्ग पर एम्बुलेंस रोक कर पीड़िता के पहुंचने का इंतजार करते रहे। पीड़िता के नहीं पहुंचने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने अनेको बार मोबाइल के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की

वन मार्ग से करते हैं आवागमन :- शासन द्वारा तहसील मुख्यालय बिहारपुर से उमाझार तक पक्की सड़क का निर्माण किया गया है लेकिन बीहड़ों में बसे रसौकी तक सड़क नहीं बन सकी है। ग्राम रसौकी में चरुना नदी चार स्थानों पर मुख्य मार्ग को काटती है। उमहार के बाद गुरु घासीदास नेशनल पार्क की सीमा शुरू हो जाती है। पार्क क्षेत्र में सड़क निर्माण संभव नहीं होने के कारण आसपास के ग्रामीण वन मार्ग से आवागमन करते हैं। इसी वन मार्ग से ग्रामीण कोरिया जिला अंतर्गत सोनहत का पैदल सफर कर आवागमन करते है। ऐसे में किसी के गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर मुख्य मार्ग तक ही एम्बुलेंस पहुंच पाती है तथा परिजन को बीमार व्यक्ति को पैदल चारपाई के सहारे एम्बुलेंस तक पहुंचाना पड़ता है।

डेढ़ साल में नहीं बना पुल :- दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामीणों की असुविधा को देखते हुए जनप्रतिनिधियों को पहल पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ग्राम खोहिर स्थित रेडिया नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभाग ने पुल का निर्माण प्रारंभ भी कराया था लेकिन पुल निर्माण के लिए नींव की खुदाई करने के बाद विभाग पुल निर्माण कराना भूल गया। डेढ़ साल का समय गुजरने के बावजूद पुल का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। बरसात में पुल का निर्माण संभव भी नहीं है लिहाजा पुल तैयार होने में लम्बा समय लग सकता है। ऐसे में पहुंच विहीन ग्राम तेलाईघाट, मुण्डा, लुल्ह, बैजनपाट के ग्रामीणों को बरसात में किसी के गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर पीडित को मुख्य मार्ग तक पहुंचाने के लिए चारपाई का ही सहारा है।

तत्काल भेजी गई एम्बुलेंस - सूचना मिलते ही पीड़िता को एक घंटे बाद परिजन वन मार्ग से पैदल पीड़िता को चारपाई पर लेकर पहुंचे तो उसे एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। परिजनों ने बताया कि मुख्य मार्ग से ग्राम सपहा की दूरी 2 किमी है। उबड़- खाबड़ पगडंडी से सड़क तक पहुंचने में एक घंटे का समय लग जाता है। राहत की बात है कि पीड़िता के अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसका तुरंत उपचार प्रारंभ कर दिया। उपचार उपरांत पीड़िता के स्वस्थ होने पर उसे गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई इस संबंध में समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिहारपुर के बीएमओ बंटी बैरागी ने बताया कि अस्पताल लाने के लिए एम्बुलेस भेजा गया था लेकिन सड़क के अभाव में एम्बुलेस गांव तक नहीं पहुंच पाई। परिजन द्वारा मरीज को लेने तक एम्बुलेंस कर्मी मुख्य मार्ग पर इंतजार करते रहे। पहुंचते ही मरीज को अस्पताल लाया गया। उपचार उपरांत स्वस्थ होने पर अस्पताल से गुरुवार को पीड़िता की छुट्टी कर दी गई है।

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